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केंद्रीय रक्षा राज्य मंत्री श्रीपद नाइक ने 18 नवंबर को बताया कि जम्मू-कश्मीर में इस साल अगस्त से अक्तूबर के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 950 मामले हुए जिनमें सुरक्षा बलों के तीन जवानों की जान चली गई. संसद के शीतकालीन सत्र के पहले दिन राज्यसभा में एक सवाल के लिखित जवाब में नाइक ने ये जानकारी दी.
नाइक ने ये भी बताया कि बीते तीन महीने में ही जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन के 79 मामले हुए हैं.
उन्होंने बताया ‘‘पाकिस्तान नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन करता रहा है. इस साल अगस्त से अक्तूबर के बीच नियंत्रण रेखा पर संघर्ष विराम उल्लंघन के 950 मामले हुए. इसी अवधि में जम्मू क्षेत्र में अंतरराष्ट्रीय सीमा पर संघर्षविराम उल्लंघन के 79 मामले हुए हैं.’’
एक और सवाल के लिखित जवाब में नाइक ने बताया कि आए दिन पाकिस्तान की ओर से नियंत्रण रेखा पर संघर्षविराम उल्लंघन किया जाता है और भारतीय सेना इसका करारा जवाब देती है.
उन्होंने बताया कि संघर्षविराम उल्लंघन और घुसपैठ के मामले हॉटलाइन के स्थापित तंत्र, फ्लैग मीटिंग, सैन्य अभियानों के महानिदेशकों के बीच बातचीत और दोनों देशों के बीच राजनयिक चैनलों के माध्यम से पाकिस्तानी प्राधिकारियों के सामने समुचित स्तर पर उठाए जाते हैं.
उन्होंने बताया कि आतंकवदियों का पता लगाने और उन्हें पकड़ने के लिए ‘‘घुसपैठ रोधी अवरोधक प्रणाली (एंटी इन्फिल्ट्रेशन ऑब्स्टेकल सिस्टम)’’ की क्षमता बढ़ाई गई है तथा निगरानी उपकरणों का इस्तेमाल भी किया जा रहा है. साथ ही अन्य कदम भी उठाए गए हैं.
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