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चिप्स बेचकर घर चलाने को मजबूर गोल्ड मेडल जीतने वालीं पैरा शूटर कौर

आर्थिक तंगी का सामना कर रहीं Dilraj Kaur देहरादून में एक पार्क के बाहर चिप्स बेचकर परिवार का गुजारा कर रही हैं.

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चिप्स बेचने को मजबूर गोल्ड मेडल जीतने वालीं दिलराज कौर

(फोटो: PTI)

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वीडियो एडिटर: आशुतोष भारद्वाज

वीडियो प्रोड्यूसर: माज़ हसन

भारत की अंतरराष्ट्रीय स्तर की पहली पैरा शूटर दिलराज कौर (Dilraj Kaur) इन दिनों सड़क किनारे चिप्स बेचने को मजबूर हैं. आर्थिक तंगी का सामना कर रहीं दिलराज कौर उत्तराखंड के देहरादून में एक पार्क के बाहर चिप्स बेचकर परिवार का गुजारा कर रही हैं.

दिलराज कौर एक समय पर देश की बेस्ट पैरा शूटर्स में से एक थीं. उन्होंने देश को कई मेडल जिताए, लेकिन ये मेडल रोजी-रोटी चलाने के लिए काफी नहीं थे.
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दिलराज अब देहरादून के गांधी पार्क के बाहर अपनी मां के साथ चिप्स और बिस्कुट बेचकर घर चलाने की कोशिश कर रही हैं. उन्होंने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “मेरे पिता का लंबी बीमारी के बाद निधन हो गया. मेरे भाई का भी हाल ही में निधन हो गया. हमें उनके इलाज पर बहुत पैसा खर्च करना पड़ा और कर्ज भी लिया था. मैं और मेरी मां किराये के मकान में रहते हैं. हम अपनी मां की पेंशन से किराया और ईएमआई भरते हैं.”

दिलराज कौर ने साल 2004 में शूटिंग की शुरुआत की थी. दिलराज ने कहा कि उन्होंने राष्ट्रीय स्तर पर 28 गोल्ड, 8 सिल्वर और 3 ब्रॉन्ज मेडल जीते हैं, और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी हिस्सा लिया है.

दिलराज बताती हैं कि हालात इतने खराब हैं कि महीने की 20 तारीख के बाद उनके पास बिल्कुल पैसे नहीं बचते. उन्होंने नौकरी के लिए सरकारी अधिकारियों से भी मदद मांगी, लेकिन कहीं से कोई सहायता नहीं मिलीं. दिलराज ने बताया, “मैंने बार-बार सरकारी अधिकारियों से शिक्षा और खेल में मेरी योग्यता के मुताबिक मुझे नौकरी देने का अनुरोध किया है, लेकिन कोई फायदा नहीं हुआ. जब खिलाड़ी मेडल जीतते हैं, तो लोग ताली बजाते हैं, लेकिन कोई नहीं पूछता कि वो अपना घर कैसे चलाते हैं.”

TOI की रिपोर्ट के मुताबिक, उत्तराखंड खेल मंत्री के ऑफिस का कहना है कि उन्हें दिलराज कौर के हालात के बारे में जानकारी नहीं है, और अगर कोई एथलीय मदद के लिए उनके पास आता है तो सरकारी दिशानिर्देश के मुताबिक मदद की जाएगी.

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Published: 23 Jun 2021,07:21 PM IST

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