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संसद का मॉनसून सत्र (Monsoon Session) हंगामे और विवाद में धुलने के आसार हैं. विपक्षी दल पेगासस जासूसी कांड (pegasus snooping), कृषि कानून (farm laws) समेत कई मुद्दों पर विरोध-प्रदर्शन कर रहे हैं. 107 घंटे के शेड्यूल्ड समय में से संसद अभी तक सिर्फ 18 घंटे चली है. न्यूज एजेंसी पीटीआई ने सरकारी सूत्रों के हवाले से बताया कि इस वजह से 133 करोड़ रुपये से ज्यादा टैक्सपेयर के पैसों का नुकसान हुआ है.
सूत्रों का कहना है कि चल रहे मॉनसून सत्र के अब तक 89 घंटे बर्बाद हो चुके हैं. मॉनसून सत्र 19 जुलाई से शुरू हुआ था और ये 13 अगस्त तक चलेगा.
सरकारी सूत्रों की तरफ से मिली जानकारी के आधार पर पीटीआई ने बताया है कि राज्यसभा अपने शेड्यूल्ड समय में से सिर्फ 21 फीसदी में काम कर पाई है. जबकि लोकसभा शेड्यूल्ड समय में से लगभग 13 फीसदी में काम कर पाई है.
सूत्रों का कहना है कि संसद ठीक से न चल पाने की वजह से सरकारी खजाने को 133 करोड़ रुपये से ज्यादा का नुकसान हुआ है.
विपक्षी पार्टियां पेगासस जासूसी कांड, कृषि कानूनों समेत कई मुद्दों पर चर्चा की मांग करते हुए लोकसभा और राज्यसभा में प्रदर्शन कर रही हैं. इन सब के बीच लोकसभा में पांच बिल पास हो चुके हैं. राज्यसभा में भी इतने ही बिल पास हुए हैं.
मॉनसून सत्र के पहले दिन से ही दोनों सदनों में जमकर हंगामा हो रहा है. पहले दिन केंद्रीय मंत्रियों का परिचय कराते हुए विपक्षी नेताओं ने खूब हंगामा किया और नारेबाजी की, वहीं पेगासस प्रोजेक्ट को लेकर भी जमकर बवाल हुआ था. जिसके बाद दोनों सदनों की कार्यवाही को पूरे दिन के लिए स्थगित करना पड़ा.
इसके अलावा महंगाई, पेट्रोल डीजल की कीमतें, वैक्सीनेशन की रफ्तार, कृषि कानून जैसे मुद्दों पर भी विपक्ष मोदी सरकार को घेर रहा है. कोरोना की दूसरी लहर के दौरान जो अव्यवस्थाएं फैली थीं, उन्हें लेकर भी विपक्ष सरकार से सवाल पूछ रहा है.
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