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संसद के मॉनसून सत्र (Parliament Monsoon Session) में मणिपुर हिंसा (Manipur Violence) को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध बरकरार है. एक तरफ विपक्ष मणिपुर के मामले में संसद के अंदर प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग कर रहा है. वहीं दूसरी ओर सरकार का कहना है कि वो चर्चा के लिए तैयार है.
सोमवार, 24 जुलाई को लोकसभा और राज्यसभा में इस मुद्दे पर भारी हंगामा देखने को मिला. पीएम मोदी के बयान की मांग करते हुए विपक्षी दलों ने नारेबाजी की. जिसके बाद राज्यसभा की कार्यवाही दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
इसके बावजूद विपक्षी सांसद नहीं माने और हंगामा चलता रहा. जिसके बाद लोकसभा की कार्यवाही भी दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
सोमवार को सदन की कार्यवाही शुरू होने से पहले विपक्षी दलों के सांसदों ने विरोध प्रदर्शन किया और मणिपुर मामले पर संसद के दोनों सदन में प्रधानमंत्री मोदी के बयान की मांग की.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने ट्वीट किया, "आज संसद के मॉनसून सत्र का तीसरा दिन है. INDIA की मांग स्पष्ट है. मणिपुर में 3 मई के बाद के भयावह घटनाक्रम पर प्रधानमंत्री को सदन में एक विस्तृत बयान देना चाहिए. उसके बाद हमारी पीड़ा, दुःख और समाधान की सामूहिक इच्छा को व्यक्त करने के लिए चर्चा हो."
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि, "यही उम्मीद है कि प्रधानमंत्री अपनी जिम्मेदारियों से भागने के लिए कोई ड्रामा नहीं करेंगे, जैसा कि वह ऐसे मौकों पर अक्सर करते हैं. इंकार करना, तथ्यों को तोड़-मरोड़ कर पेश करना, ध्यान भटकाना, डाइवर्ट करना और बदनाम करना उनकी आदत है. क्या इस अवसर पर वह इनसे ऊपर उठेंगे? मणिपुर इंतजार कर रहा है. देश देख रहा है."
मणिपुर मुद्दे पर विपक्ष नियम 267 के तहत लंबी चर्चा की मांग कर रहा है. RJD सांसद मनोज कुमार झा, संजय सिंह सहित विपक्ष के कई सांसदों ने राज्यसभा में नियम 267 के तहत सस्पेंशन ऑफ बिजनेस का नोटिस दिया और मणिपुर मामले पर चर्चा की मांग की.
प्रधानमंत्री मोदी पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा कि, "वो 140 करोड़ लोगों का नेतृत्व कर रहे हैं. लेकिन वो सदन में आकर सच्चाई क्यों नहीं बता रहे हैं. पीएम सदन के अंदर बयान नहीं देकर गलती कर रहे हैं."
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक सरकारी सूत्रों ने संकेत दिया है कि केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह मणिपुर की ताजा स्थिति पर बयान दे सकते हैं और चर्चा का जवाब दे सकते हैं. बता दें कि शाह ने 24 जून को मणिपुर पर सर्वदलीय बैठक की अध्यक्षता भी की थी.
बता दें कि 20 जुलाई से संसद के मॉनसून सत्र की शुरुआत हुई थी. पहले हफ्ते की दो दिन की कार्यवाही हंगामे की भेंट चढ़ गई. मणिपुर मुद्दे को लेकर विपक्ष और सरकार के बीच गतिरोध की वजह से संसद की कार्यवाही नहीं चल सकी.
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