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संसद के मॉनसून सत्र (Monsoon Session) का आज 7वां दिन है. संसद में शुक्रवार को भी मणिपुर हिंसा का मुद्दा छाया रहा. राज्यसभा में हालात ये रहे कि सदन शुरू होने के कुछ देर बाद ही कार्यवाही पूरे दिन के लिए स्थगित कर दी गई. मणिपुर हिंसा पर नियम 267 के अंतर्गत चर्चा के लिए राज्यसभा में 47 नोटिस दिए गए थे. विपक्ष, मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री के बयान और सदन में विस्तार से इस मुद्दे पर चर्चा की मांग कर रहा है.
राज्यसभा के सभापति ने शुक्रवार को सदन में जानकारी देते हुए बताया कि 47 सांसदों ने नियम 267 के अंतर्गत चर्चा की मांग की है. मणिपुर हिंसा पर चर्चा की मांग करने वाले इन सांसदों में कांग्रेस अध्यक्ष व राज्यसभा में नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे, प्रमोद तिवारी, तिरुचि शिवा, जॉन बिटास, मनोज झा, शक्ति सिंह गोहिल, रंजीत रंजन, विवेक तंखा, डेरेक ओ ब्रायन, मुकुल वासनिक, रामगोपाल यादव, जया बच्चन, डोला सेन, दीपेंद्र हुड्डा व कनिमोझी समेत अन्य कई सांसद थे.
कांग्रेस समेत इंडिया गठबंधन के सभी दलों का कहना है कि वे मणिपुर हिंसा पर सदन में नियम 267 के तहत चर्चा चाहते हैं.
नेता प्रतिपक्ष मलिकार्जुन खरगे बता चुके हैं कि इस नियम के तहत सदन में विस्तार से चर्चा कराने का प्रावधान है। साथ ही चर्चा के अंत में वोटिंग भी कराई जा सकती है.
वहीं सभापति ने विपक्ष के सांसदों को बताया कि वह एवं सरकार शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन पर अपनी स्वीकृति दे चुके हैं. यानी मणिपुर हिंसा के विषय पर सदन में शॉर्ट ड्यूरेशन डिस्कशन की जा सकती है. लेकिन विपक्षी सदस्य इसके लिए तैयार नहीं हुए और सदन में हंगामा शुरू हो गया.
हंगामा बढ़ता देख सभापति ने सदन की कार्यवाही सोमवार 31 जुलाई तक के लिए स्थगित कर दी.
संसद की कार्यवाही के दौरान विपक्षी दलों के सांसद काले कपड़े पहनकर पहुंचे और सदन में पीएम के बयान को लेकर हंगामा किया.
विपक्ष के भारी हंगामे के बीच लोकसभा की और राज्यसभा की कार्यवाही 12 और 2 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गई.
विपक्ष ने मणिपुर हिंसा पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के संसद में बयान और सरकार के खिलाफ 26 जुलाई को लाए गए अविश्वास प्रस्ताव पर चर्चा की मांग की. लोकसभा स्पीकर ने अविश्वास प्रस्ताव पर अपनी सहमति तो दे दी, लेकिन प्रस्ताव पर चर्चा और मतदान के लिए तारीख और समय अभी आंवटित नहीं किया.
विदेश मंत्री एस जयशंकर ने विदेश नीति को लेकर राज्यसभा में बयान दिया, लेकिन विपक्ष लगातार हंगामा करता रहा. मंत्री ने कहा, "यदि आप INDIA होने का दावा करते हैं लेकिन भारत के राष्ट्रीय हितों को नहीं सुनना चाहते हैं, तो आप किस तरह के INDIA हैं? आप एक ऐसा INDIA हैं जो राष्ट्रीय हित का त्याग करने के लिए तैयार है, वह INDIA नहीं है."
राज्यसभा में एस जयशंकर के बयान के दौरान ट्रेजरी बेंच में सदस्यों द्वारा "मोदी, मोदी" के नारे लगाए गये तो वहीं विपक्ष ने "INDIA, INDIA" के नारे लगाए, जिसके कारण अराजकता फैल गई.
लोकसभा में केंद्रीय संसदीय कार्य मंत्री प्रल्हाद जोशी ने अपतटीय क्षेत्र खनिज (विकास और विनियमन) संशोधन विधेयक, 2023 पेश किया.
राज्यसभा में, सिनेमैटोग्राफ (संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया गया और ध्वनि मत से पास कर दिया गया.
जन विश्वास (प्रावधानों में संशोधन) विधेयक, 2023, लोकसभा से पारित हो गया.
लोकसभा में वन संरक्षण (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित हो गया.
राज्यसभा में विपक्ष के सदन से बहिष्कार के बाद संविधान (अनुसूचित जनजाति) आदेश (तीसरा संशोधन) विधेयक, 2022 ध्वनि मत से पारित हो गया.
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