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भारत के लद्दाख को एक मैप में चीन का हिस्सा बताने पर बुधवार को ट्विटर के चार प्रतिनिधियों को संसद की एक संयुक्त समिति के सवालों का सामना करना पड़ा. संसदीय संयुक्त समिति ने ट्विटर के प्रतिनिधियों को पैनल के सामने आने के बाद दो घंटे तक पूछताछ की.
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) की सांसद मीनाक्षी लेखी के नेतृत्व वाले पैनल ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म ट्विटर के प्रतिनिधियों से सवाल किया कि भारत के अभिन्न हिस्से लद्दाख को आखिर पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ चाइना के हिस्से के रूप में क्यों दिखाया गया. सूत्रों ने कहा कि समिति के सदस्य शागुफ्ता कामरान और पल्लवी वालिया समेत अन्य ट्विटर प्रतिनिधियों की ओर से दिए गए जवाब से संतुष्ट नहीं हुए.
दरअसल, ट्विटर इंडिया ने हाल ही में अपने प्लेटफॉर्म पर लेह-लद्दाख के क्षेत्र को लेकर गलत जानकारी पेश की थी. इसने इस हिस्से को चीन में दिखाया था, जिसके बाद केंद्र सरकार के सूचना एवं प्रौद्योगिकी (आईटी) सचिव अजय साहनी ने ट्विटर के सीईओ जैक डोर्सी को इस मामले में कड़ी चेतावनी के साथ चिट्ठी लिखी थी. सरकार ने ट्विटर द्वारा भारत के नक्शे को गलत तरीके से दिखाने पर कड़ी आपत्ति दर्ज कराई थी.
लेटर में कहा गया था कि प्लेटफॉर्म द्वारा भारत की संप्रभुता और अखंडता का अनादर करने का कोई भी प्रयास, जो कि नक्शे से भी परिलक्षित होता है, पूरी तरह से अस्वीकार्य है. संयुक्त समिति में लोकसभा के 20 जबकि राज्यसभा के 10 सदस्य हैं.
(इनपुट: IANS)
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