advertisement
पटना हाई कोर्ट (Patna High Court) ने हाल के एक मामले में कहा है कि बुलडोजर (Bulldozer) से घरों को तोड़ना एक "तमाशा" बन गया है. कथित तौर पर भू-माफिया के इशारे पर एक महिला के घर को गिराने के लिए बिहार पुलिस को कोर्ट ने फटकार लगाई थी.
न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कहा, "क्या यहां भी बुलडोजर चलने लगा? आप किसका प्रतिनिधित्व करते हैं, स्टेट का या किसी निजी व्यक्ति का? तमाशा बना दिया की किसी का भी घर बुलडोजर से तोड़ देंगे"
न्यायाधीश ने यह भी कहा कि अगर उन्हें पता चलता है कि घर को गलत तरीके से तोड़ा गया है तो वह यह सुनिश्चित करेंगें कि इसमें शामिल प्रत्येक अधिकारी की जेब से 5 लाख रुपये का भुगतान किया जाए.
न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने गुरुवार को अगली सुनवाई में वरिष्ठ पुलिस अधिकारियों को व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के कहते हुए कहा, पांच-पांच लाख रुपए दिलवाएंगे हम घर तुड़वाने का. पर्सनल पॉकेट से. अब पुलिस और सीओ मिलकर घर तुड़वा रहा है, घूस लेकर. इसे रोकना होगा.
लाइव लॉ की रिपोर्ट के मुताबिक मामले की सुनवाई 24 नवंबर को हुई थी, लेकिन कार्यवाही का वीडियो शनिवार को सोशल मीडिया पर शेयर हो गया. मामले में एक पुलिस रिपोर्ट का अध्ययन करते हुए, अदालत ने पाया कि ऐसा प्रतीत होता है कि कानून की उचित प्रक्रिया का पालन किए बिना राज्य पुलिस द्वारा घर को अवैध रूप से ध्वस्त कर दिया गया था और न्यायमूर्ति कुमार ने कहा कि अधिकारी कुछ भू-माफियाओं के साथ "मिले हुए" प्रतीत होते हैं.
जब याचिकाकर्ता के वकील ने अदालत को सूचित किया कि उसके और उसके परिवार के सदस्यों के खिलाफ भू-माफिया के इशारे पर जमीन खाली करने के लिए मजबूर करने के लिए झूठा मामला दर्ज किया गया है, तो न्यायाधीश ने कहा कि वह याचिकाकर्ता की रक्षा के लिए वहां थे.
न्यायमूर्ति संदीप कुमार ने कहा, "मैं यहां आपकी रक्षा करने के लिए हूं, आपको परेशान करने के लिए नहीं." उन्होंने एफआईआर पर रोक लगाते हुए पुलिस को मामले में याचिकाकर्ता और उसके परिवार के सदस्यों को गिरफ्तार करने से रोक दिया.
अपराधों के संदिग्धों को उनकी सजा से पहले टारगेट करने के लिए बुलडोजर का इस्तेमाल करना बीजेपी शासित उत्तर प्रदेश सरकार की पहचान बन गई थी जहां अधिकारियों ने असंबंधित अवरोधों का हवाला देते हुए उनकी संपत्ति को ध्वस्त कर दिया.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)