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पेटीएम फाउंडर शेखर वर्मा से रंगदारी के मामले में एक नया मोड़ आ गया है. पुलिस ने ग्रेटर नोएडा के शाहदरा गांव से पेटीएम कर्मचारी देवेंद्र के घर से एक डेटा बैंक बरामद किया है. पुलिस को मिली एक हार्ड डिस्क और एक पेन ड्राइव में कंपनी का पर्सनल और सीक्रेट डेटा मिला है. पुलिस को इस डेटा से ऐसा लग रहा है कि पर्सनल सेक्रटरी सोनिया धवन एक नई कंपनी खड़ी करना चाहती थीं.
लेकिन पुलिस अब तक मिले इन सबूतों से ब्लैकमेलिंग के कनेक्शन का पता नहीं लगा पाई है.
विजय शेखर शर्मा के भाई अजय शेखर शर्मा ने रंगदारी वसूलने की धमकी के खिलाफ नोएडा के सेक्टर 20 थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई थी. पुलिस का कहना है कि सोनिया ने डेटा वायरल करने की धमकी देकर रंगदारी मांगने की साजिश अपने पति रूपक जैन और एडमिन में काम करने वाले देवेंद्र के साथ मिलकर रची. उन्हीं के कहने पर कोलकाता में रहने वाले कोलकाता निवासी रोहित चोमल ने विजय और अजय को 20 सितंबर को व्हाट्सअप कॉल कर 20 करोड़ रुपये मांगे थे. दोनों तरफ से सौदेबाजी की खबर है. पहले 10 करोड़ मांगे गए और फिर इसे बढ़ा कर 20 करोड़ रुपये कर दिए गए.
विजय शर्मा ने दो लाख रुपये डाल भी दिए थे. देवेंद्र ने चोमल की ओर से उसके मोबाइल पर कोलकाता से भेजे गए एक लिंक को खोला था जिसे अजय शेखर ने देख लिया था. इससे चोमल की पहचान खुल गई. इसके बाद सोनिया धवन, उसके पति रूपक जैन, देवेंद्र और चोमल को गिरफ्तार कर लिया गया. पुलिस ने बताया कि गिरफ्तार तीनों आरोपियों के पास चोरी किया गया महत्वपूर्ण डाटा बरामद हुआ है.
नोएडा की रहने वाली सोनिया धवन पिछले दस साल से पेटीएम से जुड़ी है. शुरू में सेक्रेटरी रही धवन तरक्की करते-करते कंपनी की वाइस प्रेसिडेंट बन गई थी.
पेटीएम के चीफ ने कहा है कि कंपनी की सेवाओं का इस्तेमाल करने वाले यूजर्स के डेटा सेफ है. जिस डेटा को चुरा कर उन्हें ब्लैकमेलिंग की जा रही थे वे पर्सनल थे. उन्होंने कहा कि इस मामले में चार लोगों को गिरफ्तार कर लिया गया है. पेटीएम अपने कंज्यूमर्स को आश्वस्त करना चाहती है कि इसके यूजर्स के डेटा सेफ हैं.
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