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Pegasus Project को प्रशांत भूषण ने बताया 'मोदी वाटरगेट', पत्रकारों ने पूछे सवाल

Pegasus Project में 40 भारतीय पत्रकारों के नाम हैं

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Pegasus Project में 40 भारतीय पत्रकारों के नाम हैं

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दस देशों के मीडिया संस्थाओं और सैकड़ों पत्रकारों ने मिलकर पेगासस (Pegasus) स्पाइवेयर पर बड़ा खुलासा किया है. इस सॉफ्टवेयर के जरिए दुनिया भर की सरकारें पत्रकारों, कानून के क्षेत्र से जुड़े लोगों, नेताओं और यहां तक कि नेताओं के रिश्तेदारों की जासूसी करा रही हैं. निगरानी वाली लिस्ट में 1500 से ज्यादा नाम मिले. इस लिस्ट में 40 भारतीय पत्रकारों के नाम हैं. इस लिस्ट के सामने आने के बाद खलबली मच गई है और सोशल मीडिया पर प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई हैं.

फ्रांस की संस्था Forbidden stories और एमनेस्टी इंटरनेशनल (Amnesty international) ने मिलकर ये जानकारी जुटाई फिर दुनिया के कुछ चुनिंदा मीडिया संस्थानों से शेयर की है. इस जांच को 'पेगासस प्रोजेक्ट' (Pegasus Project) नाम दिया गया है.

लिस्ट में द वायर के लिए लगातार लिखने वालीं रोहिणी सिंह का भी नाम आया है. उन्होंने ट्विटर पर लिखा कि 'मुझे पेगासस से जय शाह और निखिल मर्चेंट पर स्टोरी करते हुए टारगेट किया गया और जब मैं पीयूष गोयल के बिजनेस की जांच कर रही थी.'

पत्रकार स्वाति चतुर्वेदी का नाम भी लिस्ट में है. चतुर्वेदी ने ट्विटर पर लिखा, "क्या पत्रकारिता करना मेरा गुनाह था? मेरे फोन में पेगासस क्यों डाला गया?"

वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने पेगासस प्रोजेक्ट को 'मोदी वाटरगेट' का नाम दिया है. यहां संदर्भ अमेरिकी राष्ट्रपति रिचर्ड निक्सन के वाटरगेट स्कैंडल का है, जिसमें उन्होंने डेमोक्रेट्स पर जासूसी कराई थी.

लिस्ट में शामिल इफ्तिखार गिलानी ने ट्विटर पर लिखा, "मुझे नहीं पता था मैं इतना महत्वपूर्ण हूं कि भारतीय और इजरायली इंटेलिजेंस मेरा फोन रिकॉर्ड करने के लिए समय, संसाधन और ऊर्जा खर्च करेंगे."

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अमेरिकी इंटेलिजेंस एजेंसी NSA की जासूसी का खुलासा करने वाले एडवर्ड स्नोडेन ने ट्विटर पर लिखा कि 'सब काम छोड़कर ये स्टोरी पढ़िए. ये इस साल की सबसे बड़ी स्टोरी है."

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने केंद्र सरकार के पेगासस प्रोजेक्ट पर जवाब को ट्वीट करते हुए पूछा, "अगर सरकार ने अनाधिकृत सर्विलांस की मंजूरी नहीं दी तो क्या चीन और पाकिस्तान भारतीय नागरिकों पर जासूसी कर रहे हैं? क्या अथॉरिटीज को स्वतंत्र जांच नहीं करानी चाहिए?"

लीक हुई लिस्ट में हिंदुस्तान टाइम्स, इंडिया टुडे, नेटवर्क 18, द हिंदू और इंडियन एक्सप्रेस के टॉप पत्रकार शामिल हैं. इनमें हिंदुस्तान टाइम्स के शिशिर गुप्ता, द वायर के फाउंडिंग एडिटर सिद्धार्थ वरदराजन और एमके वेणु, द वायर के लिए लगातार लिखने वालीं रोहिणी सिंह का नाम है. लिस्ट में एक मेक्सिको के पत्रकार Cecilio Pineda Birto का भी नाम है जिनकी हत्या हो गई.

पेगासस सॉफ्टवेयर दुनियाभर में इजरायल की कंपनी NSO बेचती है. कंपनी ने इस लिस्ट को विवादित बताया है. NSO ने कहा कि लिस्ट उसके सॉफ्टवेयर की फंक्शनिंग से किसी तरह भी नहीं जुड़ी है.

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