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पेगासस जासूसी कांड: SC में नयी याचिका दाखिल, अशोक गहलोत ने PM मोदी से मांगा जवाब

अगर सरकार क्लीन है, तो प्रधान मंत्री को खुद राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए और भ्रम को समाप्त करना चाहिए- CM गहलोत

क्विंट हिंदी
भारत
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<div class="paragraphs"><p><a href="https://hindi.thequint.com/search?q=%E0%A4%AA%E0%A5%87%E0%A4%97%E0%A4%BE%E0%A4%B8%E0%A4%B8">Pegasus</a>&nbsp;जासूसी मामले पर सुनवाई</p></div>
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Pegasus जासूसी मामले पर सुनवाई

(फोटो: क्विंट हिंदी)

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1 फरवरी से शुरू होने जा रहे संसद के बजट सत्र से पहले इजरायली स्पाइवेयर पेगासस (Pegasus) की मदद से जासूसी का मुद्दा एक बार फिर सरकार के लिए मुश्किल खड़ा करता दिख रहा है. राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने रविवार, 30 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मुद्दे पर भ्रम को खत्म करने के लिए राष्ट्र को संबोधित करने को कहा.

"भारत सरकार को आगे आना चाहिए और स्पष्टीकरण देना चाहिए ... अगर सरकार क्लीन है, तो प्रधान मंत्री को खुद राष्ट्र को संबोधित करना चाहिए और भ्रम को समाप्त करना चाहिए"
मुख्यमंत्री अशोक गहलोत

दूसरी तरफ हाल ही में न्यूयॉर्क टाइम्स में छपी रिपोर्ट का हवाला देते हुए, जिसके अनुसार जुलाई 2017 में मोदी सरकार ने पेगासस को खरीदा था, एडवोकेट एमएल शर्मा ने कथित पेगासस खरीद की जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट का दरवाजा खटखटाया है.

एडवोकेट एमएल शर्मा पहले से ही सुप्रीम कोर्ट में दायर पेगासस मामले में याचिकाकर्ताओं में से एक हैं. इस बार के आवेदन में उन्होंने FIR दर्ज करने के निर्देश की मांग की है.

डवोकेट एमएल शर्मा ने सुप्रीम कोर्ट से प्रधानमंत्री मोदी सहित संबंधित व्यक्तियों पर मुकदमा चलाने का निर्देश देने की भी मांग की है.

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SC में दायर याचिका में कहा गया है कि न्यूयॉर्क टाइम्स ने 29 जनवरी 2022 को एक विस्तृत खोजी रिपोर्ट प्रकाशित की, जिसमें कहा गया कि भारत सरकार ने 2017 में एक बड़े हथियार सौदे के रूप में इजरायली स्पाइवेयर पेगासस को भी खरीदा था.

याचिकाकर्ता के अनुसार इस हथियार सौदे को अनुमोदन के लिए संसद में नहीं रखा गया था और व्यक्तिगत राजनीतिक हित के लिए प्रधानमंत्री मोदी और बीजेपी द्वारा विश्वासघात अवैध है.

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