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देश कोरोना की दूसरी लहर से जूझ रहा है. पिछले दो महीनों में रोजाना ऑक्सीजन और जरूरी दवाओं के अभाव में हजारों लोगों ने दम तोड़ दिया है. महामारी की रोकथाम के लिए वैक्सीन ही एकमात्र विकल्प है लेकिन देश में इसकी भी कमी है. इस मुद्दे पर दिल्ली में लगे कुछ पोस्टर और उसके बाद हुई 25 लोगों की गिरफ्तारी पर नई बहस जारी है.
ट्विटर पर #ArrestMeToo ट्रेंड कर रहा है. कई पत्रकार, वकील और विपक्ष के अन्य नेताओं ने सरकार के इस कदम की जमकर आलोचना की है.
पत्रकार और फिल्म निर्देशक विनोद कापड़ी ने कहा कि इस पोस्टर पर अब तक 15 लोग गिरफ्तार, सिर्फ सवाल पूछने पर नरेंद्र मोदी आपको जेल भिजवा सकते हैं.
पत्रकार अजीत अंजुम ने भी वैक्सीन को लेकर लगे पोस्टर पर लोगों की गिरफ्तारी को गलत ठहराया. अजीत अंजुम ने ट्वीट करते हुए लिखा कि, मोदी को अब हजारों की चुनौती, ‘मुझे गिरफ्तार करो’
पूर्व IAS अधिकारी सूर्य प्रताप सिंह ने कहा कि मोदी जी, एक FIR दिल्ली में आप भी कर दो. सवाल तो पूछेंगे लोग, क्या है कि ये जनता है, आपके बंगले के मोर नहीं.
दरअसल सूर्य प्रताप सिंह पर उत्तर प्रदेश में कोरोना महामारी को लेकर सीएम योगी पर ट्वीट किया था. जिसके बाद उन्नाव में उनके खिलाफ FIR दर्ज की गई है.
मशहूर वकील इंदिरा जयसिंह ने भी इस मुद्दे पर ट्वीट करते हुए केंद्र सरकार पर तंज कसा
वहीं, वरिष्ठ वकील प्रशांत भूषण ने भी राहुल गांधी के ट्वीट को रिट्वीट करते हुए लिखा कि मुझे भी गिरफ्तार करो.
राष्ट्रीय जनता दल के नेता और बिहार विधानसभा के नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी यादव ने पोस्टर को लेकर हुई गिरफ्तारी पर केंद्र सरकार से सवाल पूछा.
पश्चिम बंगाल से टीएमसी सांसद महुआ मोइत्रा ने ट्वीट करते हुए कहा कि पीएम मोदी के खिलाफ पोस्टर लगाने को लेकर अब तक 12 लोगों की गिरफ्तारी. यह सही सवाल है.
दिल्ली में आम आदमी पार्टी के नेता और राज्यसभा सांसद संजय सिंह ने इस मुद्दे पर मोदी सरकार की आलोचना करते हुए कहा कि सरकार चोरी के बाद अब सीनाजोरी कर रही है.
बता दें दिल्ली के कई थानों में इन पोस्टरों को लगाने वालों के खिलाफ मामले दर्ज हुए हैं. इसके बाद शनिवार को 25 लोगों की गिरफ्तारी हुई. संडे एक्सप्रेस अखबार की डीटेल्ड रिपोर्ट के अनुसार, इनमें से ज्यादातर लोग पोस्टर-बैनर पर काम करने वाले और प्रिंटिंग की दुकान चलाने वाले हैं. इसके अलावा इन लोगों को लाने-ले जाने वाले ऑटो चालकों की भी गिरफ्तारियां हुई हैं.
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