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डिसेबिलिटी बिल की जांच करने वाली मंत्रिमंडल स्तर की कमेटी की सदस्य और महिला व बाल विकास मंत्री मेनका गांधी ने बिल पर आपत्ति जताते हुए कहा कि यह विधेयक मानसिक रोग से पीड़ित व्यक्ति होने के मानकों की सही व्याख्या नहीं करता.
कुछ साल पहले की बात होती, तो शायद मेनका गांधी की इस टिप्पणी पर किसी का ध्यान नहीं जाता. पर अब वक्त बदल चुका है. मानसिक रोगियों और उनके साथ काम करने व रहने वाले व्यक्तियों ने मेनका गांधी की इस टिप्पणी पर कड़ा विरोध जताया है.
मेनका गांधी की इस अज्ञानता के विरोध में एक टंबलर पेज बनाया गया है, जिस पर अलग-अलग लोगों के संदेशों की बाढ़ आ गई है. लोगों को बस यही कहना है कि हम काम कर सकते हैं.
इस पेज पर लगातार बड़ी संख्या में पोस्ट्स आ रही हैं. अधिक से अधिक लोग #WeCanWork केंपेन से जुड़ रहे हैं. उम्मीद करते हैं कि मंत्री जी को यह सब सुनाई दे रहा होगा.
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