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कोरोना वायरस (Coronavirus) जैसी आपदा से निपटने के लिए बनाए गए पीएम-केयर्स फंड (PM-CARES Fund) को देश की 100 से ज्यादा PSU (पब्लिक सेक्टर अंडरटेकिंग्स) कंपनियों से 150 करोड़ रुपये से ज्यादा की धनराशि प्राप्त हुई है. ये राशि कंपनियों के कर्मचारियों के वेतन से दी गई है.
द इंडियन एक्सप्रेस ने RTI रिकॉर्ड्स के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया कि कॉरपोरेट सोशल रिस्पॉन्सिबिलिटी (CSR) फंड में 2400 करोड़ रुपये होने के अलावा PM-CARESफंड में 100 से ज्यादा PSU कंपनियों ने करीब 155 करोड़ रुपये का योगदान दिया है.
रिपोर्ट के मुताबिक, सबसे ज्यादा राशि ONGC की तरफ से दी गई है. ONGC ने कर्मचारियों की सैलरी से पीएम-केयर्स फंड में करीब 29.06 करोड़ रुपये का योगदान किया. इंडियन ऑयल कॉर्पोरेशन ने कर्मचारियों के वेतन से 23.99 करोड़ रुपये दिए. नेशनल थर्मल पावर कॉर्पोरेशन (NTPC) ने सैलरी से 7.58 करोड़ रुपये का योगदान दिया. वहीं, घाटे में चल रही BSNL ने भी पीएम-केयर्स फंड में कर्मचारियों की सैलरी से 11.43 करोड़ रुपये दिए.
पीएम-केयर्स फंड की जानकारी पब्लिक डोमेन में नहीं है.
पीएम-केयर्स वेबसाइट के मुताबिक, फंड में दान दी गई रकम पर इनकम टैक्स से पूरी छूट मिलती है. फंड में दान भी कंपनी अधिनियम, 2013 के तहत कॉर्पोरेट सामाजिक जिम्मेदारी (CSR) व्यय के रूप में गिना जाता है. पीएम-केयर्स फंड को भी FCRA के तहत छूट मिली है, और विदेशों से दान प्राप्त करने के लिए एक अलग खाता खोला गया है, इससे विदेशों में स्थित व्यक्ति और संगठन पीएम-केयर्स फंड में दान दे सकते हैं.
द इंडियन एक्सप्रेस ने RTI जवाबों के आधार पर अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 4 दिसंबर तक, कुल 121 PSU कंपनियों में से 71 ने कहा कि उन्होंने दोनों- कर्मचारियों के वेतन और CSR फंड से योगदान दिया है. अब तक आए जवाबों के आधार पर, 101 PSU कंपनियों ने कर्मचारियों की सैलरी से 154.70 करोड़ का योगदान दिया, और 98 कंपनियों ने CSR फंड से 2,422.87 करोड़ का कुल योगदान दिया.
रिपोर्ट में अगस्त तक मिले RTI जवाब के आधार पर बताया गया है कि सात सार्वजनिक बैंकों और दूसरे वित्तीय संस्थानों ने फंड में 204.75 करोड़ रुपये दिए. वहीं, केंद्रीय शैक्षणिक संस्थानों ने 21.81 करोड़ रुपये दिए. ये सभी राशि कर्मचारियों के वेतन से दिए गए थे.
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