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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज सोमवार को अपनी चार देशों की यात्रा पर रवाना हो गए हैं. छह दिवसीय यात्रा के दौरान वह जर्मनी, स्पेन, रूस और फ्रांस का दौरा करेंगे. पीएम के इस दौरे का मकसद इन देशों के साथ आर्थिक संबंधों को बढ़ावा देना और ज्यादा निवेश के लिए आमंत्रित करना है.
मोदी छह दिवसीय यात्रा के पहले चरण में जर्मनी जाएंगे, जहां वह भारत-जर्मनी आईजीसी के तहत चांसलर एंजिला मर्केल से मुलाकात करेंगे. वह जर्मन राष्ट्रपति फ्रेंक वाल्टर स्टीनमीयर से भी मुलाकात करेंगे.
पीएम मोदी ने कहा है कि वह और एंजिला मर्केल व्यापार और निवेश, सुरक्षा और आतंकवाद से मुकाबला, नवोन्मेष और विज्ञान एवं प्रौद्योगिकी, कौशल विकास, शहरी बुनियादी ढांचा, रेलवे और नागर विमानन, स्वच्छ उर्जा, विकास सहयोग, स्वास्थ्य और वैकल्पिक चिकित्सा पर जोर देते हुए सहयोग का रोडमैप तैयार करेंगे.
जर्मनी को मूल्यवान सहयोगी बताते हुए पीएम मोदी ने कहा कि जर्मन स्किल्स भारत के रूपांतरण के लिए उनकी दृष्टि के साथ सटीक बैठती हैं. बर्लिन में, मोदी और मर्केल दोनों देशों के शीर्ष उद्योगपतियों के साथ बातचीत करेंगे, जिससे व्यापार एवं निवेश संबंधों को और मजबूत बनाया जा सके.
उन्होंने एक फेसबुक पोस्ट में कहा, "मुझे भरोसा है कि इस यात्रा से जर्मनी के साथ हमारे द्विपक्षीय सहयोग में एक नया अध्याय शुरू होगा और हमारी रणनीतिक भागीदारी और प्रगाढ़ होगी."
भारत और जर्मनी के बीच जलवायु परिवर्तन, ऊर्जा और आतंकवाद जैसे अहम क्षेत्रों के लिए रोडमैप तैयार किया जा सकेगा. भारत में जर्मनी के राजदूत मार्टिन ने के मुताबिक, 2015 में हुई पिछली आईजीसी की ही तरह इस बार भी दोनों देशों के बीच कई समझौते होंगे.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिम यूरोप) रणधीर जायसवाल ने प्रधानमंत्री के यूरोप दौरे से ठीक पहले कहा कि यूरोपीय संघ में जर्मनी भारत का सबसे बड़ा व्यापारिक साझेदार है.
जर्मनी के राष्ट्रपति फ्रैंक-वॉल्टर स्टीनमीयर से मुलाकात के बाद मोदी 30 मई को स्पेन के लिए रवाना होंगे. 1988 में राजीव गांधी स्पेन की यात्रा करने वाले भारत के आखिरी प्रधानमंत्री थे. मोदी 31 मई को स्पेन के राष्ट्रपति मारियानो राजोय के साथ द्विपक्षीय शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी स्पेन के किंग फेलिप-6 से भी मुलाकात करेंगे और भारत में निवेश और अपने कारोबार को विस्तार देने की इच्छा रखने वाली कंपनियों के अधिकारियों के चयनित समूह के साथ भी बैठक करेंगे.
प्रधानमंत्री मोदी 31 मई को स्पेन से रूस के लिए रवाना होंगे, जहां वो एक जून को सेंट पीटर्सबर्ग में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ 18वीं सालाना शिखर बैठक में हिस्सा लेंगे. अगले दिन प्रधानमंत्री सेंट पीटर्सबर्ग में ही व्यापार सम्मेलन 'सेंट पीटर्सबर्ग इंटरनेशनल इकोनॉमिक फोरम' में शिरकत करेंगे.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (यूरेशिया) जी. वी. श्रीनिवास ने कहा कि व्यापार सम्मेलन में प्रधानमंत्री की हिस्सेदारी से संकेत मिलता है कि रूस दौरे पर कारोबार एवं निवेश मुख्य एजेंडा होगा.
प्रधानमंत्री मोदी दो जून की शाम रूस से पेरिस के लिए रवाना होंगे और अगले दिन फ्रांस के राष्ट्रपति मैक्रों से मुलाकात करेंगे.
फ्रांस को भारत का अहम रणनीतिक साझेदार बताते हुए जायसवाल ने कहा कि दोनों देशों के बीच अंतरिक्ष, असैन्य परमाणु, रक्षा और आर्थिक क्षेत्रों में मजबूत सहयोग है.
विदेश मंत्रालय में संयुक्त सचिव (पश्चिम यूरोप) रणधीर जायसवाल के मुताबिक, फ्रांस, जर्मनी और स्पेन की यात्रा के दौरान भारत और यूरोपीय संघ के बीच मुक्त व्यापार समझौता अहम मुद्दा रहेगा.
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