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तीसरे लॉकडाउन के बीच एक बार फिर लोगों को रात 8 बजने का बेसब्री से इंतजार है. देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एक बार फिर लोगों को संबोधित करने जा रहे हैं. इससे पहले भी पीएम मोदी लॉकडाउन के बीच कई बार लोगों को संबोधित कर चुके हैं. लेकिन एक बार फिर संबोधन से पहले कयास लगाए जा रहे हैं कि पीएम लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान कर सकते हैं. इससे पहले पीएम मोदी ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों से बात की और उनसे सलाह मांगी, जिसमें कई राज्यों ने अलग-अलग सवाल और मांगे रखीं. जिनका जवाब आज पीएम मोदी इस संबोधन में दे सकते हैं
पीएम मोदी राज्यों के साथ हुई बैठक में उठे ट्रेन और हवाई यात्रा शुरू करने के सवाल का जवाब देंगे या नहीं? दरअसल सोमवार शाम हुई बैठक में कुछ राज्य ऐसे थे, जिन्होंने लॉकडाउन और कोरोना के बढ़ते मामलों के बीच ट्रेन और हवाई यात्रा शुरू करने को गलत बताया.
अब ये देखना होगा कि ट्रेन और हवाई यात्रा को लेकर उठे इन सवालों का जवाब पीएम अपने संबोधन में देश को देते हैं या फिर नहीं.
दूसरा सवाल वो सवाल है जो शायद रात 8 बजे तक सबके मन में उठता रहेगा, कि क्या एक बार फिर भारत में लॉकडाउन बढ़ाया जाएगा या सरकार इसे खोलने का फैसला लेगी. अब अगर राज्यों से हुई बातचीत को एक बार फिर देखें तो कई राज्यों ने सीधे ये कहा है कि लॉकडाउन फिलहाल खत्म नहीं होना चाहिए. महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा कि लॉकडाउन को दो हफ्ते बढ़ाया जाना चाहिए. वहीं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने भी 31 मई तक लॉकडाउन बढ़ाने की अपील की. इनके अलावा पंजाब के सीएम अमरिंदर सिंह, पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी, असम के सीएम सोनोवाल और तेलंगाना के सीएम चंद्रशेखर राव ने भी लॉकडॉउन बढ़ाने की बात कही. वहीं गुजरात, दिल्ली, उत्तराखंड जैसे कुछ राज्य ऐसे भी थे जिन्होंने कई गतिविधियों को छूट देने की मांग की.
अब जब ज्यादातर राज्यों से पीएम राय ले चुके हैं और राज्यों के मुख्यमंत्री उन्हें लॉकडाउन बढ़ाने की सलाह भी दे चुके हैं तो ऐसे में संबोधन से पहले ये सवाल है कि क्या इन राज्यों की राय मानकर पीएम लॉकडाउन 4.0 का ऐलान करेंगे या नहीं.
पीएम मोदी अपने संबोधन में प्रवासी मजदूरों को मिली इजाजत और उनकी आवाजाही को लेकर भी जवाब दे सकते हैं. ऐसा कयास हम यहां इसलिए लगा रहे हैं क्योंकि पीएम ने राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक में इस पर चिंता जाहिर की थी. पीएम इस बात को लेकर चिंतित थे कि किसी भी हालत में ग्रामीण इलाकों तक वायरस नहीं पहुंचना चाहिए. यानी भले ही प्रवासी मजदूरों को गांव जाने की इजाजत मिल चुकी है, लेकिन उसमें कोई भी लापरवाही हुई तो देश को इसकी कीमत चुकानी होगी.
भले ही कयास ये लगाए जा रहे हों कि पीएम लॉकडाउन बढ़ाने का ऐलान करने जा रहे हैं, लेकिन इस संबोधन में एग्जिट प्लान को लेकर भी जवाब मिलना जरूरी है. कई राज्यों ने ये कहा है कि अब लोगों को कोरोना के साथ जीने की आदत डालनी होगी. यानी अब धीरे-धीरे लॉकडाउन से बाहर निकलना जरूरी है. खुद पीएम मोदी ने भी 'जान है तो जहान' है वाले नारे को बदलकर 'जान भी जहान भी' का नारा दिया था. दिल्ली के सीएम अरविंद केजरीवाल ने पीएम के साथ बैठक में कहा कि वो कंटेनमेंट जोन को छोड़कर बाकी जगहों पर सभी एक्टिविटी शुरू करना चाहते हैं. वहीं छत्तीसगढ़ के सीएम भूपेष बघेल ने कहा कि इसका अधिकार राज्यों को मिलना चाहिए कि क्या खोला जाए और क्या नहीं.
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