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अपने गृहराज्य गुजरात पहुंचे प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जापान और भारत के समर्थन से ‘एशिया- अफ्रीका विकास गलियारा' बनाए जाने पर जोर दिया है. चीन की ‘वन बेल्ट, वन रोड (OBOR)' पहल के कुछ ही दिन बाद प्रधानमंत्री की तरफ से यह आह्वान किया गया है. ऐसे में इसे OBOR का जवाब भी माना जा रहा है.
पीएम मोदी ने कहा-
प्रधानमंत्री ने ये बातें अफ्रीकी विकास बैंक समूह की 52वीं वार्षिक आम बैठक के उद्घाटन के मौके पर कहीं. बता दें कि ये बैठक भारत में पहली बार हो रही है.
पीएम ने अफ्रीका और एशियाई देशों के बीच आर्थिक वृद्धि का गलियारा बनाए जाने पर जोर देते हुए कहा कि उनकी हाल की जापान यात्रा के दौरान इस बारे में बातचीत हुई थी. भारत की तरफ से ये मुद्दा ऐसे समय उठाया गया है जब चीन ने अरबों डालर की वन बेल्ट वन रोड योजना की पहल की है. ये परियोजना चीन के राष्ट्रपति शी चिनपिंग की पसंदीदा योजनाओं में है.
मोदी ने कहा-'
मोदी ने कहा कि इस विकास गलियारे को आगे कैसे बढाया जाएगा इसके लिए भारत और जापान के रिसर्च इंस्टीट्यूट्स ने अफ्रीकी रिसर्च इंस्टीट्यूट्स के साथ विचार विमर्श कर विजन डाक्यूमेंट्स तैयार किए हैं.
उन्होंने कहा कि इस विजन डाक्यूमेंट्स को बाद में बोर्ड की बैठक में प्रस्तुत किया जाएगा. उन्होंने कहा कि आर्थिक वृद्धि के मामले में अफ्रीका को भारत की प्राथमिकता सूची में सबसे शीर्ष पर रखा गया है.
इस कार्यक्रम में करीब 3,000 प्रतिनिधियों ने हिस्सा लिया. इनमें से ज्यादातर अफ्रीकी देशों के प्रतिनिधि हैं. पीएम ने इन प्रतिनिधियों से कहा-
बैठक में कई अफ्रीकी देशों के वरिष्ठ अधिकारी और शीर्ष नेता भी पहुंचे हैं. पीएम ने कहा कि अफ्रीका में निवेश करने वाला भारत पांचवां बडा निवेशक है. भारत ने पिछले 20 साल के दौरान अफ्रीका में 54 अरब डालर का निवेश किया है.’’पिछले 15 साल के दौरान अफ्रीका-भारत का व्यापार कई गुणा बढ़ गया है. पिछले पांच साल के दौरान यह दोगुना होकर 2014-15 में 72 अरब डालर पर पहुंच गया.’’
मोदी ने इस अवसर पर भारत और अफ्रीका के बीच सदियों पुराने सहयोग को भी याद किया. उन्होंने विशेषकर भारत के पश्चिमी राज्यों जैसे गुजरात का अफ्रीकी देशों के साथ व्यापारिक समुदायों के सहयोग का भी जिक्र किया.
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