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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नागरिकता संशोधन कानून (CAA) का एक बार फिर बचाव करते हुए कहा है कि इस पर पैदा हुए विवाद ने दुनिया को पाकिस्तान में धार्मिक अल्पसंख्यकों के दमन की हकीकत दिखा दी है. हालांकि उन्होंने इस बात पर निराशा जाहिर की है कि CAA पर युवाओं के एक वर्ग को 'गुमराह' किया जा रहा है.
पीएम मोदी ने 12 जनवरी को कहा, “CAA किसी की नागरिकता छीनने के बारे में नहीं है, यह नागरिकता देने के लिए है. आज, राष्ट्रीय युवा दिवस पर, मैं भारत, पश्चिम बंगाल, पूर्वोत्तर के युवाओं को यह बताना चाहता हूं कि यह नागरिकता देने के लिए रातों-रात बना कानून नहीं है.’’
इसके अलावा उन्होंने कहा,
पीएम मोदी ने कहा कि यहां तक कि महात्मा गांधी ने भी धार्मिक प्रताड़ना के कारण यहां आने वाले लोगों को भारतीय नागरिकता देने का पक्ष लिया था.
उन्होंने कहा, “हमने सिर्फ वही किया जो महात्मा गांधी ने दशकों पहले कहा था. क्या हमें इन शरणार्थियों को मरने के लिए वापस भेज देना चाहिए? क्या वे हमारी जिम्मेदारी नहीं हैं? उन्हें हमें अपना नागरिक बनाना चाहिए या नहीं?”
पीएम मोदी ने कहा कि CAA पर “पूर्ण स्पष्टता” के बावजूद राजनीतिक हित साधने के लिए कुछ लोग नए नागरिकता कानून के बारे में जानबूझ कर अफवाहें फैला रहे हैं. उन्होंने कहा, “नागरिकता कानून में संशोधन करने की हमारी पहल ने विवाद उत्पन्न कर दिया है. यह हमारी पहल का परिणाम है कि पाकिस्तान को अब जवाब देना होगा कि पिछले 70 सालों से वह अल्पसंख्यकों को क्यों प्रताड़ित कर रहा था.”
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