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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को मोस्ट फेवर्ड नेशन के मसले पर समीक्षा बैठक बुलाई है. हम आपको बता दें कि 1996 में पाकिस्तान को भारत ने मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया था. MFN व्यापार पर विशेष देश का दर्जा है.
कोझिकोड से लौटने के बाद पीएम मोदी और एऩडीए सरकार की बैठकों का दौर जारी है. हम आपको इस स्टोरी में 3 ऐसे मुद्दे बताने जा रहे हैं जिसपर मोदी सरकार पुनर्विचार कर रही है और हो सकता है कि पाकिस्तान को अलग-थलग करने के लिए इनपर एक्शन भी दिखे. इसी बीच विदेश सचिव एस जयशंकर ने पाक हाई कमिश्नर अब्दुल बासित को बुलाकर उरी हमले के पाक से जुड़े होने के सबूत भी सौंप दिए हैं.
उरी अटैक के बाद भारत पड़ोसी मुल्क पाकिस्तान के खिलाफ कार्रवाई के लिए ठोस रणनीति बना रहा है. इस रणनीति में पाकिस्तान को पहली चोट सिंधु समझौते में . इसे हम प्रेशर बनाने की कूटनीति कह सकते हैं.
पीएम मोदी ने सोमवार को जल संसाधन मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारियों के साथ एक बैठक ली. इस बैठक में पीएम ने सिंधु समझौता टूटने के नफा-नुकसान के बारे में जानकारी ली. बैठक के बाद पीएम मोदी ने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा कि, ‘खून और पानी एक साथ नहीं बह सकते’.
पाकिस्तान पर दूसरी चोट मोस्ट फेवर्ड नेशन (एमएफएन) का दर्जा छीनकर की जा सकती है. पीएम नरेंद्र मोदी ने 29 सितंबर को पाक को दिए गए एमएफएन स्टेटस की समीक्षा के लिए एक बैठक बुलाई है. इस बैठक में वाणिज्य मंत्रालय और विदेश मंत्रालय के अधिकारी शामिल होंगे.
अगर पाकिस्तान से यह स्टेटस छीन लिया जाता है तो कारोबार के नजरिए से उसे तगड़ा झटका लगेगा.
क्या है एमएफएन स्टेटस?
वर्ल्ड ट्रेड ऑर्गेनाइजेशन और इंटरनेशनल ट्रेड नियमों को लेकर मोस्ट फेवर्ड नेशन का दर्जा दिया जाता है. इस स्टेटस मिलने के साथ देश इस बात को लेकर आश्वस्त हो जाता है कि व्यापार में उसे नुकसान नहीं पहुंचाया जाएगा. भारत ने पाकिस्तान को 1996 में एमएफएन का दर्जा दिया था. इसकी वजह से पाकिस्तान को अधिक आयात कोटा और कम ट्रेड टैरिफ मिलता है.
पाकिस्तान ने साल 2012 में भारत को एमएफएन का दर्जा दिए जाने का भरोसा दिया लेकिन अपने वादे को अबतक पूरा नहीं किया.
उरी अटैक के बाद कोझिकोड में जनसभा को संबोधित करने के दौरान पीएम मोदी ने साफ तौर पर कहा कि वह आतंकवाद को पनाह देने वाले मुल्क पाकिस्तान को पूरी दुनिया में अकेला कर देंगे.
पाकिस्तान को टेरर स्टेट के तौर पर घोषित कराने को लेकर जोर-आजमाइश की जा रही है. अगर यूनाइटेड नेशन सिक्योरिटी काउंसिल पाकिस्तान को टेरर स्टेट घोषित कर देती है तो पाकिस्तान वैश्विक स्तर पर अलग-थलग हो जाएगा.
लिहाजा न तो उसके साथ कोई व्यापार करेगा और न ही कोई देश आर्थिक मदद मुहैया कराएगा. ऐसे में पहले से ही कर्ज में दबा पाकिस्तान और भी कमजोर हो जाएगा.
देश सीमाओं को अब अभेद्य बनाने की तैयारी पूरी हो चुकी है. गृह मंत्री राजनाथ सिंह ने मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट को लागू करने के फैसले पर मुहर लगा दी है.
मधुकर गुप्ता कमेटी की रिपोर्ट के मुताबिक, अंतरराष्ट्रीय सीमाओं पर लगी फेसिंग को अब हाईटेक किया जाएगा. जिन जगहों पर बॉर्डर फेसिंग नहीं है, वहां इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस लगाने के निर्देश दिए गए हैं.
घुसपैठ को रोकने के लिए सेंसटिव एरिया में अंडर ग्राउंड सेंसर लगाए जाएंगे. इसके अलावा नदी-नालों पर लेजर वॉल के साथ-साथ अंडर ग्राउंड वाटर सेंसर भी लगाए जाएंगे. ताकि नदी-नालों के जरिए होने वाली घुसपैठ को रोका जा सके. बॉर्डर के आसपास इलेक्ट्रिक ऑप्टो सेंसर भी लगाए जाएंगे, ताकि परिंदा भी पर न मार पाए.
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