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प्रधानमंत्री मोदी इस बार भी जवानों के बीच दिवाली मनाने पहुंचे. राजस्थान के जैसलमेर में लोंगेवाला बॉर्डर पर पीएम ने सेना और सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ दिवाली मनाई. 2014 में प्रधानमंत्री बनने के बाद से ही वह हर दिवाली सशस्त्र बलों के साथ मना रहे हैं. इस बार सेलिब्रेशन में चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ बिपिन रावत, सेना प्रमुख एम.एम. नरवणे और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) के महानिदेशक राकेश अस्थाना दिवाली समारोह के दौरान सीमा पर प्रधानमंत्री के साथ होंगे.
पीएम अपने संबोधन में जवानों के शौर्य के जिक्र के साथ-साथ पाकिस्तान को भी हिदायत देते दिखे. पीएम ने कहा कि आज के भारत को आजमाने की कोशिश करता है उसको जवाब भी प्रचंड मिलता है.
पीएम ने इशारों-इशारों में ही चीन की विस्तारवादी नीति पर भी अपनी बात रखी और कहा कि भारत ऐसे विस्तारवादी सोच के खिलाफ आवाज बन रहा है.
लोंगेवाला बॉर्डर पर पहुंचे पीएम मोदी ने 1971 में यहां हुए युद्ध की जमकर तारीफ की और इस युद्ध के हीरो रहे ब्रिगेडियर कुलदीप सिंह चांदपुरी को भी याद किया.
बता दें कि 1971 भारत-पाकिस्तान युद्ध के दौरान मेजर के पद पर तैनात कुलदीप सिंह ने राजस्थान के लोंगेवाला में प्रसिद्ध युद्ध की रात को अपनी चौकी पर आंच नहीं आने दी थी, जहां केवल 120 सैनिकों ने उन्नत पाकिस्तानी पट्टोन टैंकों और दो हजार से ज्यादा सैनिकों द्वारा पूरे जोर-शोर से किए हमले का मुंहतोड़ जवाब दिया था. कुलदीप सिंह के इस असाधारण नेतृत्व का परिचय दिए जाने पर उन्हें भारत सरकार द्वारा महावीर चक्र (एमवीसी) से सम्मानित किया गया था.
दिवाली के इस मौके पर जवानों को संबोधित करते हुए पीएम ने ''लोकल के लिए वोकल'' होने की बात पर भी जोर दिया और कहा कि सेनाओं ने ये फैसला लिया है कि वो 100 से ज्यादा हथियारों और साजो सामान को विदेश से नहीं मंगवाएंगी.
इस मौके पर पीएम ने देशवासियों से तीन आग्रह भी किए हैं-
पहला- कुछ न कुछ नया Innovate करने की आदत को अपनी रोजमर्रा की जिंदगी का हिस्सा बनाइए.
दूसरा- योग को अपने जीवन का हिस्सा बनाए रखिए.
तीसरा- अपनी मातृभाषा, हिंदी और अंग्रेजी के अलावा, कम से कम एक भाषा जरूर सीखिए.
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