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भारत के महान फर्राटा धावक मिल्खा सिंह (Milkha Singh) का कोरोना संक्रमण से जूझने के बाद शुक्रवार को निधन हो गया. पद्मश्री मिल्खा सिंह 91 साल के थे. उनके परिवार में उनके बेटे गोल्फर जीव मिल्खा सिंह और तीन बेटियां हैं.
चार बार के एशियाई खेलों के स्वर्ण पदक विजेता मिल्खा ने 1958 राष्ट्रमंडल खेलों में भी पीला तमगा हासिल किया था. उनका सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन हालांकि 1960 के रोम ओलंपिक में था जिसमें वह 400 मीटर फाइनल में चौथे स्थान पर रहे थे.
मिल्खा सिंह के निधन पर एक्टर फरहान अख्तर से लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी तक देश के कई जानेमाने चेहरों ने दुख जताया है.
पीएम मोदी ने कहा है, ''श्री मिल्खा सिंह जी के निधन से हमने एक महान स्पोर्ट्सपर्सन खो दिया.'' प्रधानमंत्री ने कहा कि सिंह ने अनगिनत भारतीयों के दिलों में एक विशेष जगह बना ली थी, उनके निधन से दुखी हूं.
इसके आगे फरहान ने लिखा है कि आपने यह बताया था कि कैसे कड़ी मेहनत, ईमानदारी और पक्के इरादे के दम पर कोई व्यक्ति आसमान छू सकता है.
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है, ''भारत महान धावक श्री मिल्खा सिंह जी, द फ्लाइंग सिख के दुखद निधन पर शोक व्यक्त करता है. उन्होंने विश्व एथलेटिक्स पर एक अमिट छाप छोड़ी है. देश उन्हें हमेशा भारतीय स्पोर्ट्स के सबसे चमकीले सितारों में से एक के रूप में याद रखेगा. उनके परिवार और अनगिनत फॉलोअर्स के प्रति मेरी गहरी संवेदना है.''
मिल्खा सिंह को श्रद्धांजलि देते हुए पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने लिखा है, ''मिल्खा सिंह जी के निधन की खबर सुनकर व्यथित और दुखी हूं. यह एक युग के अंत का प्रतीक है.''
पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा है, ''श्री मिल्खा सिंह जी के निधन के बारे में सुनकर दुख हुआ. वह एक महान स्पोर्ट्समैन थे, उन्हें हमेशा याद किया जाएगा.''
मिल्खा सिंह ने 1956 और 1964 ओलंपिक में भी भारत का प्रतिनिधित्व किया था. उन्हें 1959 में पद्मश्री से नवाजा गया था.
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