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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 7 जून को अपने देश के नाम संबोधन में एक बड़ा ऐलान किया. पीएम ने कहा कि अब देश के 18+ सभी लोगों को केंद्र सरकार ही मुफ्त वैक्सीन (free corona vaccine) देगी. अभी तक 18-44 आयु वर्ग के लिए राज्य वैक्सीन खरीदकर मुफ्त में मुहैया करा रहे थे, लेकिन अब वैक्सीन की खरीद केंद्र करेगा और राज्यों को देगा. राज्य इसके लिए केंद्र सरकार से लंबे समय से अपील कर रहे थे. पीएम के इस ऐलान के बाद विपक्षी पार्टियों की प्रतिक्रिया आनी शुरू हो गई है.
वैक्सीनेशन से जुड़े ऐलान से पहले पीएम मोदी ने सरकार की कई 'कामयाबियों' के बारे में बताया. पीएम के संबोधन को लेकर कांग्रेस ने #भाषण_नहीं_माफ़ी_मांगो ट्रेंड चलाया. कांग्रेस पार्टी ने अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल पर एक के बाद एक कई ट्वीट में पीएम मोदी से कोरोना की दूसरी लहर से हुए मानवीय नुकसान के लिए माफी मांगने को कहा.
दिल्ली के उपमुख्यमंत्री और AAP नेता मनीष सिसोदिया ने सभी को फ्री वैक्सीन मिलने के लिए सुप्रीम कोर्ट का धन्यवाद दिया. सिसोदिया ने लिखा, "केंद्र सरकार चाहती तो बहुत पहले ये कर सकती थी."
झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) ने ट्विटर पर तंज करते हुए लिखा, "केंद्र सरकार को देर से ही सही - सुबुद्धि आई, इसके लिए उनका अभिनंदन."
RJD नेता मनोज झा ने एक बयान जारी कर कहा कि शायद प्रधानमंत्री की नजरें 'संयुक्त विपक्ष की मांग पर पड़ गई थी.' हालांकि, झा ने कहा, "इस समय पूरा देश शोक में डूबा है, लोगों ने अपनों को खोया है और प्रधानमंत्री के संदेश में ये शोक दिखना चाहिए था."
राजस्थान के मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने ट्वीट किया, "प्रसन्नता है कि जनभावनाओं को देखते हुए पीएम को अपना पुराना निर्णय बदलना पड़ा." हालांकि, गहलोत ने वैक्सीनेशन पॉलिसी को लेकर केंद्र पर हमला भी बोला.
छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री टीएस सिंह देव ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, "प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश के सभी लोगों के लिए अब वैक्सीन मुफ्त कर दी है. देर आए दुरुस्त आए, जो होना चाहिए था वह फिर से हो रहा है. वैक्सीन नीति में केंद्र सरकार को पहले कोई बदलाव नहीं करना चाहिए था."
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