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और आखिर में अफगानिस्तान और भारत की दोस्ती को याद करते हुए पीएम ने बॉलीवुड की फिल्म जंजीर के गीत की पंक्ति ‘यारी है ईमान, मेरा यार मेरी जिंदगी’ का जिक्र किया.
जब हम अफगानियों की सच्ची समृद्धि और उनकी विभिन्नता को महसूस कर पाएंगे. जब एक मां अपने बच्चे को इस दुनियां में लाने से नहीं डरेगी. जब मस्जिद में प्रार्थना करने वाले धर्म के नाम पर नहीं मारे जाएंगे, तब दुनिया जीने के लिए एक बेहतर जगह होगी.
उन्होंने कहा कि अफगानी युवाओं का भविष्य इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में है, न कि इंटरनेशनल टेररिज्म में.
अफगानिस्तान में पंथ-आधारित आंतरिक संघर्ष के बारे में पीएम ने कहा कि आप पश्तून या हजारा या उज्बेक हो सकते हैं, पर उससे पहले आप एक गौरवशाली अफगान हैं. उन्होंने कहा कि अफगानिस्तान की धरती पर अफगानों का हक है, आतंकवादियों का नहीं.
प्रधानमंत्री ने कहा, “कई लोगों को हमारा मेलजोल बढ़ाना अच्छा नहीं लगा, हमें हतोत्साहित करने की कोशिशें भी की गईं पर हम अगर साथ हैं तो सिर्फ इसलिए क्योंकि आपको हम पर यकीन है.”
पीएम ने कहा, भारत हमेशा अफगानिस्तान की मदद करता रहेगा. उन्होंने कहा कि एक दिन अफगानिस्तान में शांति और समृद्धि होगी.
प्रधानमंत्री ने कहा, “पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने करजई साब के साथ इश परियोजना का सपना देखा था.” हाइड्रोइलैक्ट्रिसिटी की यह परियोजना 1900 में अफगानी गृहयुद्ध में नष्ट हो गई थी. जनवरी 2013 में इसके पुनर्निर्माण को मंजूरी मिल गई थी.
पीएम मोदी ने कहा कि अफगानिस्तान के मानव संसाधन को बेहतर बनाने के लिए भारत छात्रवृत्ति और ट्रेनिंग प्रोग्राम उपलब्ध कराता रहेगा.
प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानी सुरक्षा बलों के शहीदों के बच्चों के लिए 500 छात्रवृत्तियों की घोषणा की.
रूमी के शब्दों के साथ पीएम ने शुरु किया अफगान संसद में संबोधन
शेरशाह सूरी के योगदान को याद करते हुए कहा कि महान शासक ने जिस तरह दो देशों को जोड़ा था, हम आज भी उस तरह के जुड़ाव की इच्छा रखते हैं.
पीएम ने लोकप्रिय कवि रुमी की कविता के साथ भाषण शुरु करते हुए कहा, अपने शब्दों को ऊंचा करें आवाज को नहीं.
अफगानी संसद की इमारत के उद्घाटन के बाद पीएम मोदी कुछ ही देर में संसद को संबोधित करने वाले हैं.
भारतीय विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने अपने ट्वीट में तालिबान द्वारा बम गिराकर नष्ट की गई अफगानिस्तान की संसद की पुरानी इमारत और भारत द्वारा बनवाई गई नई इमारत की तस्वीरें शेयर कीं.
अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी की मौजूदगी में भारतीय प्रधानमंत्री मोदी ने अफगानिस्तान की संसद की इमारत का उद्घाटन किया. भारत द्वारा बनवाई गई संसद की इस इमारत को दो देशों की दोस्ती के सबूत के तौर पर देखा जा रहा है.
इमारत के अंदर पूर्व भारतीय प्रधानमंत्री के सम्मान में एक अटल ब्लॉक भी बनाया गया है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने यहां शुक्रवार को अफगानिस्तान के राष्ट्रपति अशरफ गनी से मुलाकात की और आपसी हितों के मुद्दों पर चर्चा की.
विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता विकास स्वरूप ने दोनों नेताओं की तस्वीरें पोस्ट कर ट्विटर पर लिखा, “दिल्ली को काबुल के करीब ला रहे हैं. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की राष्ट्रपति अशरफ गनी के साथ बैठक शुरू हुई.”
पीएमओ ने भी इस बारे में ट्विटर पर जानकारी दी.
मोदी अफगानिस्तान के राष्ट्रपति भवन पहुंचे, जहां गनी ने उनका गर्मजोशी से स्वागत किया.
मोदी को शुक्रवार को भारतीय सहयोग से बनी अफगानिस्तान की संसद की नई इमारत का उद्घाटन करना है.
मोदी 23 दिसंबर को अपने दो दिवसीय रूस दौरे पर रवाना हुए थे, जहां उन्होंने 16वें वार्षिक भारत-रूस शिखर सम्मेलन में शिरकत की और इस वक्त अफगानिस्तान में हैं.
काबुल हवाई अड्डे पर अफगानिस्तान के सुरक्षा सलाहकार मुहम्मद अतमार और उप विदेश मंत्री हिकमत करजई ने प्रधानमंत्री मोदी का स्वागत किया.
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