Home News India लंदन में बोले PM मोदी- बच्चियों से रेप बेहद जघन्य, बहुत दर्दनाक
लंदन में बोले PM मोदी- बच्चियों से रेप बेहद जघन्य, बहुत दर्दनाक
प्रधानमंत्री के कार्यक्रम के लिए लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में भारी संख्या में भारतीय मौजूद हैं
क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
i
लंदन के सेंट्रल हॉल वेस्टमिंस्टर से पीएम मोदी की ‘भारत की बात’
(फोटो: ट्विटर)
✕
advertisement
पीएम मोदी लंदन के वेस्टमिंस्टर हॉल में ‘भारत की बात, सबके साथ’ कार्यक्रम में हिस्सा ले रहे हैं. कवि और गीतकार प्रसून जोशी, पीएम से सवाल कर रहे हैं. इस दौरान वहांं बड़ी संख्या में लोगों मौजूद हैं. पीएम के कार्यक्रम के ठीक पहले प्रसून जोशी ने अपनी कविता- ‘चलो हंसी को रिवाज कर लें’ लोगों के साथ शुरुआत की.
पीएम से बात करते भी वो नजर आ रहे हैं.
पीएम मोदी ने कठुआ और उन्नाव रेप केस का जिक्र होने पर कहा कि बच्चियों से रेप की वारदात बहुत दर्दनाक है, इससे जघन्य और कुछ नहीं हो सकता है.
रेप की चर्चा पर मोदी बेहद भावुक हो गए और रुंधे गले से अपनी बात पूरी की.
पीएम ने इस कार्यक्रम में क्या खास बोला
चाय बेचना मेरा व्यक्तिगत संघर्ष है, लेकिन यहां मैैं बैठा हूं ये सवा करोड़ भारतीयों की देन है
रेलवे स्टेशन मेरे जीवन का स्वर्णिम पृष्ठ है, जिसने मुझे जीना और जूझना सीखाया
एक ऐसे देश में जहां एक परिवार का शासन हो, सिर्फ लोकतंत्र के कारण ही चाय वाला पीएम बना है.
पीएम से सवाल- क्या देश और लोग अब ज्यादा बेसब्र हो गए हैं?
बेसब्री विकास का बीज बोती है, मैं बेसब्री को बुरा नहीं मानता हूं.
देशवासियों की हमसे अपेक्षा है और हम पहले से तीन गुना तेजी से काम कर रहे हैंं
लोगों की मुझसे अपेक्षा इसलिए है कि उन्हें विश्वास है कि हम करके जरूर दिखाएंगे
जज्बा होना सबसे जरूरी है, मुझे खुशी है कि आज सवा सौ करोड़ लोगों के मन में एक उमंग, आशा और संकल्प का भाव है और लोग मुझसे अपेक्षा कर रहे हैं.
बेसब्री मेरे लिए ऊर्जा है और जब आप ‘सर्वजन हिताय, सर्वजन सुखाय’ के संकल्प को लेकर चलते हैं तो निराशा की बात ही नहीं उठती
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT
पीएम से सवाल: ये सरकार काम कर रही है, पिछली सरकारें क्यों नहीं करती थी
‘तब और अब’ में जमीन आसमान का अंतर क्योंकि जब नीति स्पष्ट हो, नीयत साफ हो, और इरादे नेक हों तो उसी व्यवस्था के साथ आप इच्छित परिणाम ले सकते हैं
महात्मा गांधी ने आजादी को जनांदोलन में तब्दील कर दिया था, विकास को भी जनांदोलन बनाना होगा
सरकारी संपत्तियों के लिए लोगों का भाव साफ होना चाहिए, सरकार-जनता दोनों की भागीदारी से ही हो सकता है विकास
अबतक 40 लाख सीनियर सिटीजन ने अपनी इच्छा से सब्सिडी छोड़ दिया है. ऐसे ही गैस सब्सिडी में हुआ, करीब सवा करोड़ परिवारों ने अपनी मर्जी से सब्सिडी छोड़ दिया है.
लोकतंत्र कोई कॉन्ट्रैक्ट एग्रीमेंट नहीं, ये भागीदारी का काम; जनता-जनार्दन की ताकत बहुत होती है और उन पर जितना भरोसा होगा, उसके परिणाम देखने को मिलेंगे
पीएम से सवाल: सर्जिकल स्ट्राइक का फैसला लिया कैसे?
भारत ने कभी भी किसी की जमीन छिनने की कोशिश नहीं की है, किसी का हक छिनना भारत की संस्कृति नहीं है
पहले, दूसरे विश्व युद्ध को देखिए 1.5 लाख भारतीयों ने जान दी थी, लेकिन किसी देश की जमीन छिनने के लिए नहीं. यूएन की पीस किपिंग फोर्स में भी भारत का अहम योगदान है, दुनिया में भारत की तारीफ होती है
जब कोई टेररिज्म करने का उद्योग बनाकर बैठा है, पीठ पर वार करने की कोशिश होती हो, तो ये मोदी है, उसी भाषा में जवाब देना जानता है.
सर्जिकल स्ट्राइक होने के बाद सबसे पहले हमने ही पाकिस्तान को फोन कर जानकारी दी थी
अगर कोई सेना की इस बहादुरी पर सवाल उठाता है तो भगवान उसको सदबुद्धि दे.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)