Home Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019News Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019India Created by potrace 1.16, written by Peter Selinger 2001-2019हमारे किसान और गांव आत्मनिर्भर भारत का आधार, इनकी मजबूती जरूरी: PM

हमारे किसान और गांव आत्मनिर्भर भारत का आधार, इनकी मजबूती जरूरी: PM

रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिए पीएम मोदी का संबोधन 

क्विंट हिंदी
भारत
Updated:
पीएम नरेंद्र मोदी
i
पीएम नरेंद्र मोदी
(फाइल फोटोः Narendramodi.in)

advertisement

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ के जरिए देशवासियों को संबोधित किया है. इस दौरान उन्होंने कहा, ''कोरोना के इस कालखंड में पूरी दुनिया अनेक परिवर्तनों के दौर से गुजर रही है. आज जब दो गज की दूरी एक अनिवार्य जरूरत बन गई है तो इसी संकट काल ने परिवार के सदस्यों को आपस में जोड़ने और करीब लाने का काम भी किया है.''

पीएम मोदी ने किसानों को लेकर कहा है, ‘’हमारे यहां कहा जाता है, जो जमीन से जितना जुड़ा होता है , वो बड़े से बड़े तूफानों में भी अडिग रहता है. कोरोना के इस कठिन समय में हमारा कृषि क्षेत्र, हमारा किसान इसका जीवंत उदाहरण है. संकट के इस काल में भी हमारे देश के कृषि क्षेत्र ने फिर अपना दमखम दिखाया है.’’

उन्होंने कहा, ''देश का कृषि क्षेत्र, हमारे किसान, हमारे गांव, आत्मनिर्भर भारत का आधार हैं. ये मजबूत होंगे तो आत्मनिर्भर भारत की नींव मजबूत होगी. बीते कुछ समय में इन क्षेत्रों ने खुद को अनेक बंदिशों से आजाद किया है, अनेक मिथकों को तोड़ने का प्रयास किया है.''

इसके अलावा पीएम मोदी ने कहा, ''हरियाणा के एक किसान भाई ने मुझे बताया कि कैसे एक समय था जब उन्हें मंडी से बाहर अपने फल और सब्जियां बेचने में दिक्कत आती थी. लेकिन 2014 में फल और सब्जियों को APMC एक्ट से बाहर कर दिया गया, इसका उन्हें और आसपास के साथी किसानों को बहुत फायदा हुआ.''

‘मन की बात (Mann Ki Baat) ’ में पीएम मोदी ने कोरोना संकट का जिक्र करते हुए कहा,

  • ''हमें, जरूर एहसास हुआ होगा कि हमारे पूर्वजों ने जो विधाएं बनाई थीं, वो आज भी कितनी महत्वपूर्ण हैं और जब नहीं होती हैं तो कितनी कमी महसूस होती है. ऐसी ही एक विधा है कहानी सुनाने की कला.''
  • ''हर परिवार में कोई-न-कोई बुजुर्ग, बड़े व्यक्ति परिवार के, कहानियां सुनाया करते थे और घर में नई प्रेरणा, नई ऊर्जा भर देते थे.''
  • ''कहानियां, लोगों के रचनात्मक और संवेदनशील पक्ष को सामने लाती हैं, उसे प्रकट करती हैं. कहानी की ताकत को महसूस करना हो तो जब कोई मां अपने छोटे बच्चे को सुलाने के लिए या फिर उसे खाना खिलाने के लिए कहानी सुना रही होती है, तब देखें.''
ADVERTISEMENT
ADVERTISEMENT

‘जब बच्चे मुझसे कहते थे- चुटकुला सुनाओ’

पीएम मोदी ने खुद का जिक्र करते हुए बताया,

  • ''मैं अपने जीवन में बहुत लंबे अरसे तक एक परिव्राजक के रूप में रहा. घुमंत ही मेरी जिंदगी थी. हर दिन नया गांव, नए लोग, नए परिवार, लेकिन जब मैं परिवारों में जाता था, तो मैं बच्चों से जरूर बात करता था और कभी-कभी बच्चों को कहता था कि चलो भई मुझे कोई कहानी सुनाओ.''
  • ''मैं हैरान हो जाता था, जब बच्चे मुझे कहते थे, नहीं अंकल कहानी नहीं, हम चुटकुला सुनाएंगे और मुझे भी वो यही कहते थे कि अंकल आप चुटकुला सुनाओ यानी उनको कहानी से कोई परिचय ही नहीं था. ज्यादातर उनकी जिंदगी चुटकुलों में समाहित हो गई थी.''

पीएम मोदी ने कहा कि भारत में कहानी कहने की, या कहें कि किस्सा-गोई की, एक समृद्ध परंपरा रही है. उन्होंने कहा कि हमारे यहां कथा की परंपरा रही है, ये धार्मिक कहानियां कहने की प्राचीन पद्धति है.

‘मन की बात’ में पीएम मोदी ने कहा, ‘’मैं कथा सुनाने वाले सभी से आग्रह करूंगा कि क्या हम हमारी कथाओं में पूरे गुलामी के कालखंड की जितनी प्रेरक घटनाएं हैं, उनको प्रचारित कर सकते हैं? विशेषकर, 1857 से 1947 तक, हर छोटी-मोटी घटना से, अब हमारी नई पीढ़ी को कथाओं के द्वारा परिचित करा सकते हैं.’’

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

Published: 27 Sep 2020,11:00 AM IST

Read More
ADVERTISEMENT
SCROLL FOR NEXT