advertisement
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त तक पूरे एक हफ्ते सफाई अभियान चलाने की जनता से अपील की है. उन्होंने जिलों के अधिकारियों से गांवों में सामुदायिक शौचालयों के निर्माण के अभियान में भी जुटने को कहा है. प्रधानमंत्री मोदी ने गंगा की तरह सभी नदियों की सफाई का भी आह्वान किया. उन्होंने स्वच्छता को लेकर महात्मा गांधी के प्रयासों पर चर्चा की.
उन्होंने कहा, "महात्मा गांधी ने साउथ अफ्रीका से लेकर चंपारण और साबरमती आश्रम तक, स्वच्छता को ही अपने आंदोलन का बड़ा माध्यम बनाया. मुझे संतोष है कि गांधी जी की प्रेरणा से बीते वर्षों में देश के कोने-कोने में लाखों-लाख स्वच्छाग्रहियों ने स्वच्छ भारत अभियान को अपने जीवन का लक्ष्य बना दिया है."
पीएम मोदी ने कहा कि जैसे गंगा जी की निर्मलता को लेकर हमें उत्साहजनक परिणाम मिल रहे हैं, वैसे ही देश की दूसरी नदियों को भी हमें गंदगी से मुक्त करना है. यहां पास में ही यमुना जी हैं. यमुना जी को भी गंदे नालों से मुक्त करने के अभियान को हमें तेज करना है.
प्रधानमंत्री मोदी ने शनिवार को राजघाट स्थित राष्ट्रीय स्वच्छता केंद्र का उद्घाटन करने के बाद संबोधन में कहा, "खुले में शौच की मजबूरी- भारत छोड़ो ! पानी के दर-दर भटकने की मजबूरी- भारत छोड़ो, भारत छोड़ो के ये सभी संकल्प स्वराज से सुराज की भावना के अनुरूप ही हैं. इसी कड़ी में आज हम सभी को गंदगी भारत छोड़ो का भी संकल्प दोहराना है. आइए, आज से 15 अगस्त तक यानि स्वतन्त्रता दिवस तक देश में एक सप्ताह लंबा अभियान चलाएं."
प्रधानमंत्री मोदी ने स्वच्छ भारत अभियान की चर्चा करते हुए कहा, "आप जरा कल्पना कीजिए, अगर कोरोना जैसी महामारी 2014 से पहले आती तो क्या स्थिति होती. क्या तब लॉकडाउन जैसी व्यवस्थाएं संभव हो पातीं, जब भारत की 60 प्रतिशत आबादी खुले में शौच के लिए मजबूर थी? स्वच्छाग्रह ने कोरोना के खिलाफ लड़ाई में हमें बहुत बड़ा सहारा दिया है, माध्यम दिया है. देश के बच्चे-बच्चे में स्वच्छता को लेकर जो चेतना पैदा हुई है, उसका बहुत बड़ा लाभ कोरोना के विरुद्ध लड़ाई में भी हमें मिल रहा है."
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि 60 महीने में करीब-करीब 60 करोड़ भारतीय, शौचालय की सुविधा से जुड़ गए. इसकी वजह से, देश की लाखों बेटियों को बिना रुके पढ़ाई का भरोसा मिला. जिससे, लाखों गरीब बच्चों को बीमारियों से बचने का उपाय मिला. इसकी वजह से देश के करोड़ों दलितों, वंचितों, पीड़ितों, शोषितों, आदिवासियों को समानता का विश्वास मिला. स्वच्छ भारत अभियान ने हर देशवासी के आत्मविश्वास और आत्मबल को बढ़ाया है. लेकिन इसका सबसे अधिक लाभ देश के गरीब के जीवन पर दिख रहा है स्वच्छ भारत अभियान से हमारी सामाजिक चेतना, समाज के रूप में हमारे आचार-व्यवहार में भी स्थाई परिवर्तन आया है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)