Home News India कोरोना की कोई वैक्सीन तैयार नहीं, अफवाहों में न आएं: पीएम मोदी
कोरोना की कोई वैक्सीन तैयार नहीं, अफवाहों में न आएं: पीएम मोदी
मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बातचीत की.
क्विंट हिंदी
भारत
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पीएम ने देशभर में 21 दिनों के लिए लॉकडाउन का ऐलान किया
(फोटो: क्विंट हिंदी)
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देशभर में 21 दिनों के लॉकडाउन के ऐलान के बाद प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संसदीय क्षेत्र वाराणसी के लोगों से वीडियो कॉन्फ्रेंस पर बातचीत की. पीएम मोदी ने कहा, ‘अभी तक कोरोना के खिलाफ कोरोना के लिए वैक्सीन तैयार नहीं हुई है. इस पर तेजी से काम चल रहा है. हम सभी को हर तरह के अंधविश्वास से, अफवाह से बचना है.’
मोदी के संबोधन की बड़ी बातें-
मेरी नागरिकों से अपील है कि कहीं भी आप डॉक्टर, नर्स या मेडिकल स्टाफ के साथ बुरा बर्ताव होता देखें तो आप वहां जाकर उन लोगों को समझाएं. बुरा बर्ताव करना उन्हें बहुत महंगा पड़ेगा. संकट की इस घड़ी में इस समय सफेद कपड़ों में दिख रहे डॉक्टर नर्स ईश्वर का ही रूप हैं.
आज कोरोनी के खिलाफ जो युद्ध पूरा देश लड़ रहा है, उसमें 21 दिन लगने वाले हैं. हमारा प्रयास है इसे 21 दिन में जीत लिया जाए. महाभारत के युद्ध के समय भगवान श्रीकृष्ण महारथी थे, सारथी थे. आज 130 करोड़ महारथियों के बलबूते पर हमें कोरोना के खिलाफ इस लड़ाई को जीतना है.
कोरोनावायरस न हमारी संस्कृति को मिटा सकता है और न ही हमारे संस्कार मिटा सकता है और इसलिए संकट के समय हमारी संवेदनाएं और जागृत हो जाती हैं. कोरोना को जवाब देने का एक तरीका करुणा भी है. यानि कोरोना को करुणा से जवाब.
ये बीमारी किसी में भेदभाव नहीं करती. ये समृद्ध देश पर भी कहर बरपाती है और गरीब के घर में भी कहर बरपाती है.
आपकी बात भी सही है की कुछ लोग ऐसे हैं, जो अपने कानों से सुनते हैं, अपनी आंखों से देखते हैं और अपनी बुद्धि से समझते भी हैं… बस अमल नहीं करते हैं. ये एक प्रकार की दुर्योधन वृत्ति है.
अपने आसपास के पशुओं का भी ध्यान रखें. राज्य सरकारों पर भरोसा है कि वो अपने लोगों की देखभाल करेगी. लेकिन हम ये भी जानते हैं कि सामान्य परिस्थिति में भी कभी बिजली चली जाती है, कभी पानी चला जाता है.
तमाम तरह की दिक्कतें बिना बताए, हमारे जीवन में आती रहती हैं. ऐसे में जब देश के सामने इतना बड़ा संकट हो, इतनी बड़ी चुनौती हो... तब मुश्किलें नहीं आएंगी, सब कुछ अच्छा होगा ये कहना धोखा होगा.
कोरोना जैसे संकट में हमें तकलीफें सहकर भी विजयी होना है या नहीं? जो तकलीफें हम उठा रहे हैं उसकी उम्र फिलहाल 21 दिन ही है. लेकिन अगर कोरोना का फैलना नहीं रुका तो फिर कितना ज्यादा नुकसान हो सकता है इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है.
आप ये भी ध्यान रखिए कि कोरोना से संक्रमित दुनिया में 1 लाख से अधिक लोग ठीक भी हो चुके हैं और भारत में भी दर्जनों लोग कोरोना के शिकंजे से बाहर निकले हैं. कल तो एक खबर में देख रहा था कि इटली में 90 वर्ष से ज्यादा आयु की माताजी भी स्वस्थ हुई हैं.
कोरोना से जुड़ी सही और सटीक जानकारी के लिए सरकार ने व्हॉट्सऐप के साथ मिलकर हेल्प डेस्क बनाई है. अगर आप वॉट्सऐप पर हैं तो 9013151515 पर जुड़ सकते हैं, इस पर नमस्ते लिखते ही जवाब मिलना शुरू हो जाएगा.