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साल की आखिरी ‘मन की बात’ में PM कर सकते हैं कृषि कानूनों का जिक्र

पीएम मोदी एक बार फिर गिना सकते हैं कृषि कानूनों के फायदे, किसान करेंगे विरोध

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पीएम मोदी एक बार फिर गिना सकते हैं कृषि कानूनों के फायदे, किसान करेंगे विरोध
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पीएम मोदी एक बार फिर गिना सकते हैं कृषि कानूनों के फायदे, किसान करेंगे विरोध
(फोटो: PIB)  

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साल 2020 कोरोना महामारी के अलावा कई और चीजों के लिए भी याद रखा जाएगा. फिलहाल साल के आखिरी महीने में कृषि कानूनों के खिलाफ प्रदर्शन जारी है. इसी बीच अब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी इस साल की आखिरी मन की बात करने जा रहे हैं. पीएम मोदी 27 दिसंबर रविवार को अपनी मन की बात में किसानों के मुद्दे पर एक बार फिर बोल सकते हैं. साथ ही कोरोना और बाकी चीजों का भी जिक्र हो सकता है.

किसान करेंगे मन की बात का विरोध

पीएम मोदी मन की बात के लिए तय वक्त सुबह 11 बजे लोगों तक अपनी बात पहुंचाएंगे. लेकिन इस बार किसान पीएम के मन की बात का विरोध करेंगे. प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि एक तरफ पिछले एक महीने से किसान ठंड में प्रदर्शन कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ प्रधानमंत्री किसानों की खुशहाली की बात करते हैं. किसान संगठनों ने ताली और थाली बजाकर विरोध करने की बात कही है.

बता दें कि बीजेपी के तमाम बड़े नेताओं के अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार इस किसान आंदोलन के पीछे विपक्ष का हाथ बता रहे हैं. उन्होंने कई बार कहा है कि विपक्ष ने ये भ्रम पैदा किया है. इससे भी किसान संगठनों में गुस्सा है.
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सरकार से बातचीत के लिए माने किसान

हालांकि सरकार की नई चिट्ठी के बाद किसान संगठन अब बातचीत के लिए तैयार हो चुके हैं. संयुक्त किसान मोर्चा की तरफ से सरकार को लिखा गया है कि वो 29 दिसंबर को 11 बजे बैठक के लिए तैयार हैं. लेकिन कानून रद्द करने की मांग कायम है और बैठक में इसकी प्रक्रिया को लेकर चर्चा की जानी चाहिए. साथ ही एमएसपी पर कानूनी गारंटी की भी मांग की गई है.

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Published: 27 Dec 2020,07:19 AM IST

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