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देश में 16 जनवरी से कोरोना वैक्सीनेशन शुरू होने जा रहा है. 3 जनवरी को दो कोरोना वैक्सीन Covishield और Covaxin को इमरजेंसी इस्तेमाल की मंजूरी दी गई. वैक्सीनेशन शुरू होने से पहले 11 जनवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सभी मुख्यमंत्रियों के साथ बातचीत की. इस बैठक में पीएम मोदी ने कहा कि 'भारत की वैक्सीन दुनिया की दूसरी वैक्सीनों से ज्यादा किफायती हैं.' इसके अलावा पहले चरण में कितने लोगों और किसे वैक्सीन दी जाएगी, पीएम मोदी ने विस्तृत तौर पर बताया.
पीएम ने कहा, "भारत में बाकी देशों से बेहतर कोरोना वायरस को कंट्रोल किया गया है. दोनों वैक्सीन मेड इन इंडिया हैं."
मुख्यमंत्रियों को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत को टीकाकरण का जो अनुभव है, वो कोरोना वैक्सिनेशन में काम आएगा. पीएम ने बताया कि राज्यों के साथ बातचीत में ही ये तय हुआ है कि वैक्सीनेशन प्रोग्राम में किसे प्राथमिकता दी जाएगी.
पीएम ने कहा, "देश के अलग-अलग राज्यों के फ्रंटलाइन और हेल्थ वर्कर्स की संख्या करीब 3 करोड़ होती है. ये तय किया है कि पहले चरण में इन 3 करोड़ को दी वैक्सीन दी जाएगी."
पीएम मोदी ने कहा कि पहले चरण के वैक्सीनेशन का खर्चा राज्य सरकार नहीं, बल्कि केंद्र सरकार उठाएगी. उन्होंने बताया कि दूसरे चरण में 50 साल की उम्र या उससे ज्यादा वालों को टीका लगाया जाएगा.
पीएम का कहना है कि 'देश को चुनाव कराने का अनुभव भी वैक्सीनेशन ड्राइव में मदद करेगा.' उन्होंने कहा कि पहली डोज के बाद दूसरी डोज भी समय पर मिले, ये सुनिश्चित किया जाएगा.
पीएम मोदी ने कहा कि भारत में अगले कुछ महीनों में 30 करोड़ लोगों को वैक्सीन देने का लक्ष्य है. साथ ही उन्होंने कोरोना से जुड़े प्रोटोकॉल फॉलो करते रहने की अपील की और कहा, "जिनको टीका लगाया जा रहा है, वो भी सावधानी बरतें."
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