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देशभर में बढ़ते कोरोना मामलों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक बार फिर मुख्यमंत्रियों के साथ चर्चा की. इस दौरान पीएम मोदी ने कहा कि, हमें माइक्रो कंटेनमेंट जोन पर फोकस करना चाहिए. कोरोना को रोकने के लिए हमें टेस्ट, ट्रैक और ट्रीट पर ध्यान देना होगा. इस दौरान पीएम मोदी ने सभी राज्यों के मुख्यमंत्रियों से कोरोना पर लगाम लगाने के लिए सुझाव भी मांगे. पीएम ने कहा कि अभी संपूर्ण लॉकडाउन लगाने की जरूरत नहीं है.
पीएम ने कहा कि, संख्या बढ़ने से चिंता मत कीजिए. राज्य को आलोचना की चिंता नहीं करनी चाहिए. आप लगातार टेस्टिंग ज्यादा कर रहे हैं, इसलिए संख्या बढ़ रही है. जिसे आलोचना करनी है वो करेगा. टेस्टिंग पर जोर देने के बाद ही हम इसका उपाय कर पाएंगे. हमारा टारगेट 70 फीसदी आरटी-पीसीआर टेस्टिंग का है.
कुछ लैब सभी लोगों को नेगेटिव दे रही है, वहीं कुछ लोगों को पॉजिटिव बता रही है. इसे रोकना होगा. लैब्स में शिफ्ट में काम किया जाना चाहिए. पीएम मोदी ने कहा कि हर कंटेनमेंट जोन में कोई भी बिना टेस्टिंग के नहीं रहना चाहिए. कम से कम 72 घंटे में 30 लोगों की कॉन्टैक्ट ट्रेसिंग करनी होगी. कंटेनमेंट जोन बनाने में ये नहीं होना चाहिए कि पूरे मोहल्ले सील कर दो, इसके लिए सिर्फ कुछ फ्लैट को ही देखें. हमें ये सुनिश्चित करना है कि कोरोना को लेकर सुस्ती नहीं आने देनी है.
पीएम मोदी ने कहा कि, चर्चा के दौरान मृत्यु दर पर भी चिंता जताई. इस पर भी ध्यान देने की जरूरत है. इसका कारण है कि लोग इसे मामूली समझते हैं और हालत बिगड़ने पर ही हॉस्पिटल आते हैं. जहां टेस्टिंग होती है. ये देखना जरूरी है कि किस स्टेज में बीमारी का पता चला, मौत के पीछे क्या-क्या कारण रहे. ये पूरा डेटा देखना होगा. एम्स दिल्ली हर मंगलवार और शुक्रवार को वेबिनार आयोजित करता है. वैक्सीनेशन को लेकर पीएम मोदी ने कहा कि,
पीएम मोदी ने कहा कि, 11 से लेकर 14 अप्रैल तक पूरे देश में टीका उत्सव मनाया जाए. जिसमें 45 साल से ऊपर के सभी व्यक्तियों को टीका लगाने के लिए प्रेरित किया जाए. जितना हम लोग युवाओं को वैक्सीन देना चाहते हैं, उतना हम उनका इस्तेमाल पहले जागरुक करने में करें.
पीएम मोदी ने कहा कि सरकार ने वैक्सीनेशन के लिए एक डिजिटल व्यवस्था बनाई है. लेकिन इससे जुड़ने में गरीबों को जैसे भी परेशानी आ रही है, ऐसे परिवारों को मदद करने के लिए नौजवान आगे आ सकते हैं. उन्हें लोगों की मदद करनी चाहिए.
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