Home News India GST: ऋग्वेद, गीता के श्लोक और क्या खास रहा पीएम मोदी के भाषण में
GST: ऋग्वेद, गीता के श्लोक और क्या खास रहा पीएम मोदी के भाषण में
ऐसी कई बातें हैं, जो जीएसटी की चर्चा से पीएम ने जोड़ी हैं
कौशिकी कश्यप
भारत
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GST लॉन्च के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद को संबोधित किया.
(Photo: PTI)
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GST लॉन्च के मौके पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने संसद के सेंट्रल हॉल में मौजूद लोगों को संबोधित किया. इस मौके पर राष्ट्रपति प्रणब मुखर्जी, उपराष्ट्रपति हामिद अंसारी और कई दलों के नेता मौजूद थे.
पीएम मोदी ने कई बातें, जो जीएसटी की चर्चा से उन्होंने जोड़ी, वो ध्यान देने लायक हैं.
इन दिग्गजों के लिए नाम
पीएम ने कहा कि 9 दिसबंर, 1946 को संविधान सभा की पहली बैठक यहां पर ही हुई थी. उस समय पंडित नेहरू, अबुल कलाम आजाद, वल्लभभाई पटेल, बाबासाहब अंबेडकर, सरोजिनी नायडू समेत कई लोग यहां पर बैठे थे.
GST से आर्थिक एकीकरण की तुलना सरदार पटेल के 500 से ज्यादा रियासतों के विलय से बने एकीकृत भारत से की.
अल्बर्ट आइंस्टीन का जिक्र भी किया, पीएम ने कहा कि एक बार आइंस्टीन ने कहा था कि दुनिया में सबसे मुश्किल है इनकम टैक्स को समझना, मैं सोचता हूं अगर वो यहां होते तो पता नहीं क्या सोचते?
चाणक्य की नीति का उल्लेख करते हुए कहा- कोई वस्तु कितनी भी दूर क्यों न हो, उसे कठिन तपस्या से प्राप्त किया जा सकता है.
गीता, ऋग्वेद का GST कनेक्शन
मोदी ने कहा कि गीता में भी 18 अध्याय थे और जीएसटी काउंसिल की भी 18 बैठक हुईं.
पीएम ने भाषण के अंत में कहा- लोकमान्य तिलक ने जो गीता रहस्य लिखा है, उसके समापन में ऋग्वेद का एक मंत्र समाहित किया है-
समानीव आकूति: समाना हृदयानि व:
समानमस्तु वो मनो यथा व: सुसहासति.
जिसका अर्थ उन्होंने समझाया- आप लोगों का निश्चय, संकल्प एक सा रहे, आप लोगों का हृदय एक सा रहे, ताकि आप सब का परस्पर कार्य सफल हो सके.
लगभग 35 मिनट के भाषण में पीएम मोदी ने चार बार गरीबों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि गरीबों के लिए पहले से उपलब्ध सेवा जीएसटी लागू होने के बाद भी बरकरार रहेगी. उनके प्रति संवेदनशीलता बनी रहेगी.
गढ़े अलग मायने
पूरे भारत की बात होते ही लोगों के मुंह से निकलता है कश्मीर से लेकर कन्याकुमारी तक. लेकिन पीएम ने अपने भाषण में इसे बदलते हुए कहा- लेह से लक्षद्वीप तक. गंगानगर से इटानगर तक
पीएम नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण में हर किसी को यह भरोसा दिलाने की कोशिश की कि GST से आम आदमी परेशान नहीं होगा. उन्होंने GST का एक और मतलब समझाते हुए कहा, ''ये है गुड एंड सिंपल टैक्स.''
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