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जम्मू-कश्मीर से आर्टिकल 370 हटाने और राज्य को दो हिस्सों में बांटने को लेकर पहली बार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राष्ट्र से अपनी बात कही. इस बातचीत में उन्होंने बताया कि उनकी सरकार ने ये फैसला क्यों लिया, साथ ही आगे का रोडमैप भी बताया.
पीएम मोदी ने कहा कि जो लोग इस फैसले का विरोध कर रहे हैं, वो ये तो बताएं कि इस आर्टिकल से जम्मू-कश्मीर के लोगों के फायदा क्या हुआ? पीएम मोदी ने कहा-आर्टिकल 370 ने जम्मू-कश्मीर को आतंकवाद, अलगाववाद, परिवारवाद और भ्रष्टाचार के सिवा कुछ नहीं दिया. पाकिस्तान ने आर्टिकल 370 का फायदा उठाया और इसके कारण आर्टिकल 370 के कारण 42,000 निर्दोष लोग मारे गए.
पीएम मोदी ने कहा, ''बाकी देश में बच्चों को शिक्षा का अधिकार है लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं. बाकी देश में बेटियों को जो अधिकार नहीं मिलते थे, वो राज्य में नहीं मिलते थे. देश में सफाई कर्मचारी एक्ट लागू है लेकिन जम्मू-कश्मीर के कर्मचारी वंचित थे. बाकी देश में दलितों पर जुल्म रोकने के लिए सख्त कानून है, लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं. अल्पसंख्यकों के लिए पूरे देश में अल्पसंख्यक एक्ट है लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं. अन्य राज्यों में न्यूनतम वेतन एक्ट लागू है लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं. बाकी देश में चुनाव SC/ST को आरक्षण का लाभ मिलता था लेकिन जम्मू-कश्मीर में नहीं. ''
कुल मिलाकर अपने संबोधन में पीएम मोदी ने बताया कि किस तरह से आर्टिकल 370 जम्मू-कश्मीर के लोगों के लिए फायदे, नहीं घाटे की चीज थी. उन्होंने ये भी कहा कि ये प्रावधान हटने के बाद राज्य का तेजी से विकास होगा. इसके लिए उन्होंने इंडस्ट्री बढ़ाने की बात कही, निजी क्षेत्र से भी आगे आने की अपील की.
पीएम मोदी ने कहा कि राष्ट्रपति शासन के कारण राज्य में अच्छा शासन और विकास हो रहा है. पहले जो योजनाएं सिर्फ कागज पर थीं, उन्हें अब जमीन पर उतारा जा रहा है. IIT, IIM, AIIMS, सिंचाई और पावर प्रोजेक्ट और एंटी करप्शन ब्यूरो के काम में तेजी आई है.
कनेक्टिविटी के प्रोजेक्ट, सड़कों और रेल लाइन और एयरपोर्ट को आधुनिक बनाने का काम तेजी से हो रहा है. पीएम ने ये भी वादा किया कि आने वाले वक्त में जब आतंकवाद और अलगाव वाद से मुक्ति मिलते ही जम्मू-कश्मीर के लोग फिर से अपने जनप्रतिनिधि चुन पाएंगे और सीएम भी उनका ही होगा. यानी शांति कायम होते ही केंद्र शासित प्रदेश वाली व्यवस्था खत्म हो जाएगी. इसका वादा गृह मंत्री अमित शाह संसद में भी कर चुके हैं. हालांकि पीएम ने साफ किया कि लद्दाख अब केंद्र शासित प्रदेश ही रहेगा.
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