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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोमवार को देश के पहले गृह मंत्री सरदार वल्लभभाई पटेल जंयती पर कहा कि हर भारतवासी देश को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में देखना चाहता है, इसलिए लोग विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहें. वहीं एक अन्य कार्यक्रम में उन्होंने न्यायपालिका का बोझ कम करने के उपायों पर अपनी बात रखी की.
नई दिल्ली स्थित नेशनल स्टेडियम में देश के 'लौह पुरुष' की जयंती पर पीएम मोदी ने लोगों को संबोधित करते हुए कहा कि आज कश्मीर से कन्याकुमारी तक भारत एक झंडे के नीचे है, जिसका श्रेय सरदार वल्लभभाई पटेल को जाता है.
पीएम मोदी ने कहा कि हर भारतवासी देश को एक मजबूत राष्ट्र के रूप में देखना चाहता है और यह सुनिश्चित करने के लिए लोगों को विभाजनकारी ताकतों से सतर्क रहना चाहिए.
उन्होंने सरदार पटेल के जीवन पर एक डिजिटल संग्रहालय का उद्घाटन किया और लोगों से इसे देखने की अपील की. पीएम ने स्टेडियम से 'रन फॉर यूनिटी' दौड़ को हरी झंडी भी दिखाई.
दिल्ली हाईकोर्ट के स्वर्ण जयंती समारोह को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि सरकार सबसे बड़ी ‘वादी' है. उन्होंने कहा, ‘ न्यायपालिका सबसे अधिक समय हमारे ऊपर खर्च करती है.’
मोदी ने कहा कि अगर मामलों पर ठीक ढंग से विचार करने के बाद केस दायर किये जाएं तो न्यायपालिका पर बोझ कम किया जा सकता है.
उन्होंने कहा,
इस मामले में हालांकि कोई ठोस आंकडे नहीं हैं, लेकिन सेवा मामलों से लेकर अप्रत्यक्ष करों तक विभिन्न अदालती मामलों में कम से कम 46 प्रतिशत में सरकार एक पक्ष है.
प्रधानमंत्री ने भारतीय प्रशासनिक सेवा की तर्ज पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा स्थापित करने की वकालत की.
प्रधानमंत्री ने कहा कि हालांकि यह विवादास्पद है, पर अखिल भारतीय न्यायिक सेवा के मुद्दे पर चर्चा होनी चाहिए.
प्रधानमंत्री के अलावा इस समारोह में भारत के चीफ जस्टिस टी. एस. ठाकुर, दिल्ली हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस जी रोहिणी, दिल्ली के उपराज्यपाल नजीब जंग और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल मौजूद थे.
(एजेंसियों के इनपुट्स के साथ)
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