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इन दिनों प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का एक न्यूज चैनल को दिया गया इंटरव्यू काफी चर्चा में है. इसकी वजह ये है कि इस इंटरव्यू के दौरान पीएम मोदी ने जो बातें कही हैं, उनका सोशल मीडिया पर जमकर मजाक बन रहा है. इस मजाक के दायरे में फिलहाल पीएम मोदी का ये बयान आया है.
दुनिया का पहला ईमेल साल 1971 में भेजा गया था. इसे ईमेल के खोजकर्ता और कम्प्यूटर प्रोग्रामर रे टॉम्लिंसन ने ही खुद को भेजा था. इस तरह यह तो साफ है कि 1987-88 से पहले ईमेल भेजने की शुरुआत हो चुकी थी. मगर अब सवाल उठता है कि क्या उस वक्त भारत में आम जनता ईमेल का इस्तेमाल कर रही थी?
कहने को तो भारत में इंटरनेट साल 1986 में आ गया था, लेकिन उस वक्त इसे एजुकेशन रिसर्च नेटवर्क (ERNET) के तौर पर लॉन्च किया गया था. मतलब उस वक्त भारत में इंटरनेट की पहुंच एजुकेशनल और रिसर्च कम्युनिटीज तक ही सीमित थी.
इतना ही नहीं, ईमेल अटैचमेंट से दुनिया में पहली बार कोई तस्वीर साल 1992 में भेजी गई थी. इसे जिस ईमेल से भेजा गया था, उसे रिसर्चर नथैनियल बोरेन्स्टीन ने अपने सहयोगियों को भेजा था.
ऐसे में नरेंद्र मोदी ने 1987-88 में किस तरह वीरमगाम से आडवाणी की तस्वीर को ईमेल से भेजा था, इस बात को वही बता सकते हैं.
खैर, आखिर में एक बात और जान लीजिए कि जिस अमेरिका को तकनीक के मामले में काफी आगे माना जाता है, उसी अमेरिका का राष्ट्रपति रहते हुए बिल क्लिंटन ने साल 1998 में पहली बार ईमेल भेजा था. उन्होंने यह ईमेल 7 नवंबर 1998 को अंतरिक्ष यात्री जोन ग्लेन को भेजा था.
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