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BRICS Summit: भारत के प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग दोनों देशों के वास्तविक नियंत्रण रेखा यानि LAC पर "शीघ्र तनाव कम करने" के लिए कम करने पर सहमत हुए हैं. भारत-चीन बॉर्डर पर स्थिति पूर्वी लद्दाख की गलवान घाटी में जून 2020 में हुई हिंसक झड़प के बाद से तनाव काफी अधिक है.
दक्षिण अफ्रीका में जारी ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में शामिल होने पहुंचे दोनों नेताओं ने सम्मलेन से इतर बातचीत की और LAC से अपने-अपने सैनिकों के शीघ्र पीछे वापस हटने के लिए अपने देशों के अधिकारियों को निर्देश देने पर सहमत हुए.
भारत के विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने आज प्रेस कॉन्फ्रेंस में पत्रकारों से कहा कि
विदेश सचिव विनय क्वात्रा के अनुसार पीएम मोदी ने शी-जिनपिंग के साथ अपनी बातचीत में यह रेखांकित किया कि सीमावर्ती क्षेत्रों में शांति बनाए रखना और LAC का सम्मान करना भारत-चीन संबंधों को सामान्य बनाने के लिए आवश्यक है. इस संबंध में, दोनों नेता अपने संबंधित अधिकारियों को शीघ्रता से सैनिकों की वापसी और तनाव कम करने के प्रयासों को तेज करने का निर्देश देने पर सहमत हुए.
इससे पहले दिन में, प्रधान मंत्री मोदी और चीनी राष्ट्रपति ने ब्रिक्स नेताओं की ब्रीफिंग से पहले हाथ मिलाया और एक-दूसरे का अभिवादन किया. दोनों नेता मंच पर कुछ देर बातचीत करते नजर आए. पिछले नवंबर में बाली में G20 डिनर में हुई बैठक के बाद दोनों नेताओं के बीच यह पहली मुलाकात थी.
इससे पहले विदेश सचिव ने ब्रिक्स बिजनेस को लेकर कहा, "पीएम मोदी ने इस बात पर प्रकाश डाला कि ब्रिक्स बिजनेस फोरम इंट्रा-ब्रिक्स साझेदारी के प्रमुख स्तंभों में से एक है. उन्होंने एक महत्वपूर्ण तत्व, लचीली और समावेशी आपूर्ति श्रृंखला विकसित करने की आवश्यकता के बारे में बात की. और, अंतर-ब्रिक्स देश में आपसी विश्वास और पारदर्शिता के महत्व पर भी चर्चा हुई."
विदेश सचिव ने आगे कहा, "ब्रिक्स शिखर सम्मेलन का प्रमुख परिणाम 6 नए सदस्यों, अर्जेंटीना, मिस्र, ईरान, इथियोपिया, सऊदी अरब और संयुक्त अरब अमीरात को शामिल करने के लिए अपनी सदस्यता का विस्तार करने का ब्रिक्स नेताओं का निर्णय है."
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