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पीएम मोदी ने कोरोनावायरस को लेकर देश को एक बार फिर संबोधित किया. इस दौरान पीएम ने कहा कि 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का जो संकल्प हमने लिया था, एक राष्ट्र के नाते हर भारतवासी ने पूरी संवेदनशीलता के साथ अपना योगदान दिया. बच्चे, बुजुर्ग, गरीब-मध्यम हर वर्ग के लोग साथ आए. हर भारतवासी ने जनता कर्फ्यू को सफल बनाया.
जनता कर्फ्यू की सफलता के लिए पूरा देश प्रशंसा का पात्र है. कोरोना वैश्विक महामारी को समाचार के माध्यम से सुन भी रहे हैं और देख भी रहे हैं. दुनिया के समर्थ देशों को भी इस महामारी ने बिल्कुल बेबस कर दिया है. कोरोनावायरस इतनी तेजी से फैल रहा है कि इससे लगातार चुनौती बढ़ती जा रही है.
पीएम मोदी ने 21 दिन के लॉकडाउन का ऐलान करते हुए कहा कि, "21 दिन नहीं संभले तो 21 साल पीछे चले जाएंगे. कई परिवार तबाह हो जाएंगे. बाहर निकलना क्या होता है ये 21 दिन भूल जाएं. घर में रहें, घर में रहें, एक ही काम करें, घर में ही रहें. घर के दरवाजे पर लक्ष्मण रेखा है. बाहर एक कदम रखा तो घर में आ सकती है बीमारी."
पीएम मोदी ने इस दौरान राज्य सरकारों का जिक्र करते हुए कहा कि, "कोरोना वैश्विक महामारी के हालात में सरकारें तेजी से काम कर रही हैं. रोजमर्रा की जिंदगी में असुविधा न हो, इसकी कोशिश कर रही है. जरूरी चीजों की कमी न हो, इसके लिए उपाय किए गए हैं. आगे भी उपाय किए जाएंगे." इसके अलावा पीएम ने गरीबों का भी जिक्र किया. उन्होंने कहा,
इससे पहले भी पीएम मोदी ने कोरोनावारस को लेकर देश को संबोधित किया था. पीएम ने 19 मार्च को एक ट्वीट किया और बताया कि वो रात 8 बजे देश को संबोधित करेंगे. सभी ने कयास लगाए कि पीएम मोदी लॉकडाउन का ऐलान कर देंगे. लेकिन ऐसा हुआ नहीं. पीएम ने लोगों को संयम बरतने को कहा और रविवार 22 मार्च को जनता कर्फ्यू का ऐलान किया. पीएम ने कहा कि ये जनता का खुद पर लगाया गया एक कर्फ्यू होगा.
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