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पीएम नरेंद्र मोदी ने देश को एक बार फिर संबोधित किया. उन्होंने अपने संबोधन में कहा कि कोरोना खत्म नहीं हुआ, इसीलिए अभी सावधानी रखने की जरूरत है. पीएम ने अपने संबोधन की शुरुआत में कहा,
“कोरोना की लड़ाई में जनता कर्फ्यू से लेकर आज तक हम सभी भारत वासियों ने बहुत लंबा सफर तय किया है. समय के साथ आर्थिक गतिविधियों में तेजी नजर आ रही है. हममें से अधिकांश लोग अपने जीवन को गति देने के लिए रोज घरों से बाहर निकल रहे हैं. त्योहारों के इस मौसम में बाजारों में भी रौनक धीरे-धीरे लौट रही है, लेकिन हमें नहीं भूलना है कि लॉकडाउन भले ही चला गया हो, लेकिन वायरस नहीं गया है.”
पीएम मोदी ने आगे कहा,
आज देश में कोरोना मरीजों के लिए 90 लाख से ज्यादा बेड हैं, 12 हजार क्वॉरंटीन सेंटर हैं. कोरोना टेस्टिंग की करीब 2 हजार लैब काम कर रही हैं. देश में टेस्टिंग की संख्या जल्द 10 करोड़ के आंकड़े को पार कर जाएगी.
पीएम ने अपने इस संबोधन में आगे कहा कि रामचरित मानस में कई शिक्षाप्रद बातें बताई गई हैं, लेकिन कई चेतावनियां भी दी गई हैं. जैसे- "रिपु रुज पावक पाप, प्रभु अहि गनीय न छोट करि", इसका मतलब कि - आग, शत्रु और पाप को कभी छोटा नहीं समझना चाहिए. जब तक इनका पूरा इलाज नहीं हो जाए, इन्हें हल्के में नहीं लेना चाहिए. इसीलिए याद रखिए जब तक दवाई नहीं तब तक ढिलाई नहीं. थोड़ी सी लापरवाही हमारी गति को रोक सकती है और हमारी खुशियों को धूमिल कर सकती है. जीवन की जिम्मेदीरी निभाना और सतर्कता दोनों को साथ लेकर चलना होगा.
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