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केंद्र सरकार के ‘पोषण माह’ कार्यक्रम के तहत प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को वीडियो कॉफ्रेंसिंग के जरिए आंगनबाड़ी, आशा और एएनएम के कार्यकर्ताओं से सीधी बातचीत की. इस दौरान मोदी ने इन कार्यकर्ताओं के काम और मेहनत की खूब तारीफ की. साथ ही कई योजनाओं और उनको लागू करने में उनके सहयोग को भी उन्होंने सराहा.
मोदी ने कहा कि इस देश का प्रधानमंत्री कह सकता है कि उसके लाखों हाथ हैं और ये आप सब हैं. पीएम ने जोर देकर कहा कि सरकार का ध्यान पोषण और अच्छी क्वालिटी की स्वास्थ्य सेवाएं मुहैया कराने पर है.
पीएम मोदी ने कहा, "पहले जन्म के 42 दिन तक आशा वर्कर को 6 बार बच्चे के घर जाना होता था. अब 15 महीने तक 11 बार बच्चे का हालचाल जानना जरूरी है. मुझे भरोसा है कि आपके स्नेह और अपनेपन से एक से एक बेहतरीन नागरिक देश को मिलेंगे." साथ ही उन्होंने होम बेस्ड चाइल्ड केयर का जिक्र करते हुए कहा कि इस योजना की बदौलत से ये महिला कार्यकर्ता हर साल देश के लगभग सवा करोड़ बच्चों की देखभाल कर रहे हैं. उनकी मेहनत की वजह से ये कार्यक्रम कामयाब हो रहा है. जिससे इसको और विस्तार दिया गया है.
बातचीत के दौरान मोदी ने कहा वे उन डॉक्टरों के भी आभारी हैं, जो बिना फीस लिए गर्भवती महिलाओं का इलाज करते हैं. उन्होंने बताया कि सरकार उन तरीकों को और बेहतर बनाने पर विचार कर रही है, जिनके जरिए इलाज को और आधुनिक और बेहतर बनाया जा सके. टीकाकरण की रफ्तार को और तेज किया जा रहा है. यह एक आंदोलन है और इसमें माओं और बच्चों की भागीदारी सबसे अहम है.
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PM मोदी ने कहा कि मिशन इंद्रधनुष के तहत देश में टीकाकरण अभियान को पिछड़े इलाकों में छोटे बच्चों तक पहुंचने का लक्ष्य तय किया गया है. आशा कार्यकर्ताओं ने इस मिशन को तेजी से आगे बढ़ाया और देश में 3 करोड़ बच्चों और 85 लाख गर्भवती महिलाओं का टीकाकरण करवाया है. आज आशा वर्करों की वजह से ही मिशन इंद्रधनुष जमीनी स्तर तक पहुंच रहा है.
पीएम ने इस दौरान कई सरकार की ओर से चलाई जा रही कई योजनाओं के लाभार्थियों से भी बात की. उन्होंने कहा कि विचार बदलना सबसे मुश्किल काम है और एसी के कमरों में बैठ कर समाधान नहीं निकलता है.
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