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‘नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन’ क्या है? कैसे काम करेगा? जानिए सब कुछ

प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया

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भारत
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प्रधानमंत्री मोदी ने  स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया
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प्रधानमंत्री मोदी ने स्वतंत्रता दिवस के मौके पर नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया
(फोटो: BJP/ Twitter)

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर सरकार के नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन का ऐलान किया. पीएम मोदी ने ये घोषणा लाल किले से देश को संबोधित करते हुए की.

डिजिटल हेल्थ मिशन सरकार की आयुष्मान भारत इंश्योरेंस स्कीम की तरह ही एक और फ्लैगशिप प्रोजेक्ट है.

ये क्या है और हमें कैसे प्रभावित करेगा? यहां समझिए.

नेशनल डिजिटल हेल्थ मिशन क्या है?

सरकार ने ये एक डिजिटल हेल्थ इकोसिस्टम बनाने का ऐलान किया है, जिसमें हर भारतीय नागरिक की एक अलग हेल्थ आईडी और डिजिटाइज्ड हेल्थ रिकॉर्ड्स होंगे. इसके तहत डॉक्टरों और हेल्थ फैसिलिटीज की एक रजिस्ट्री भी मौजूद होगी.

हेल्थ आईडी क्या है? इससे क्या होगा?

हर नागरिक को एक हेल्थ आईडी दी जाएगी, जिसमें उसकी बीमारियों, डायग्नोसिस, रिपोर्ट, मेडिकेशन जैसी स्वास्थ्य संबंधी जानकारी एक आईडी के जरिए कॉमन डेटाबेस में स्टोर की जाएंगी. ये प्रभावी रूप से नागरिक के सभी हेल्थ रिकॉर्ड्स का एक डिजिटाइज्ड वर्जन होगा. ये डिजिटल डेटाबेस देशभर के डॉक्टरों और हेल्थ फैसिलिटीज की एक रजिस्ट्री से लिंक किया जाएगा.

ये हेल्थ आईडी काम कैसे करेगी?

पीएम मोदी ने कहा कि डॉक्टर ने क्या दवाई बताई, कब बताई गई और रिपोर्ट्स क्या थीं, ऐसी सब जानकारियां लोगों की हेल्थ आईडी से लिंक की जाएंगी. पीएम का कहना था कि ये मरीज का डिजिटाइज्ड 'स्वास्थ्य खाता' जैसा होगा और इसमें मेडिकल हिस्ट्री, किन फिजिशियन से राय ली गई, किए गए टेस्ट जैसी बातें होंगी. हेल्थ आईडी कथित रूप से एक मोबाइल ऐप के रूप में हो सकती है.

हेल्थ आईडी का इस्तेमाल कहां होगा? क्या डेटा सुरक्षित रहेगा?

हेल्थ आईडी कथित रूप से सभी राज्यों, अस्पतालों, डायग्नोस्टिक लैब्स और फार्मेसी में इस्तेमाल की जा सकेगी. सरकार ने आश्वासन दिया है कि डेटा सुरक्षित रहेगा और लोगों की मंजूरी के बाद ही हेल्थ रिकॉर्ड्स शेयर किए जाएंगे.

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क्या इस प्रोजेक्ट में हिस्सा लेना अनिवार्य है?

नहीं, सरकार ने कहा है कि इस पहल में हिस्सा लेना व्यक्ति की इच्छा पर निर्भर करेगा. डॉक्टरों और अस्पतालों के लिए भी जानकारी देना वॉलिंटरी होगा.

इस प्रोजेक्ट का लक्ष्य क्या है?

पीएम मोदी ने कहा है कि ये प्रोजेक्ट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर एक स्वस्थ भारत बनाएगा.

इस प्रोजेक्ट के बारे में सबसे पहले बात कब हुई थी?

इस स्कीम का ब्लूप्रिंट कथित रूप से 2019 में लॉन्च हुआ था और इसका मकसद ओपन डिजिटल सिस्टम का इस्तेमाल कर किफायती और उच्च-स्तर का हेल्थकेयर मुहैया कराना है.

(हैलो दोस्तों! हमारे Telegram चैनल से जुड़े रहिए यहां)

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