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उत्तर प्रदेश के वाराणसी में 13 दिसंबर को पीएम मोदी (PM Modi) ने काशी विश्वनाथ कॉरिडोर (Kashi Vishwanath Corridor) का लोकार्पण किया. पीएम मोदी ने अपनी इस महत्वकांक्षी योजना का लोकार्पण आचार्यों द्वारा तय किए शुभ मुहूर्त पर किया है. इससे पहले पीएम मोदी ने गंगा में डुबकी लगाई और जल लेकर काशी विश्वनाथ पहुंचे.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर के लोकार्पण के बाद पीएम मोदी ने कहा कि,
सीएम योगी ने कहा कि 1000 साल तक बाबा विश्वनाथ का धाम विपरीत परिस्थितियों में रहा. अब हजारों वर्षों की प्रतीक्षा पूरी हुई, ऐसा कहा जाता रहा है कि मां गंगा या तो भगीरथ की जटाओं में उलझी या फिर काशी के मणिकर्णिका घाट पर उलझी रही, लेकिन प्रधानमंत्री मोदी के प्रयासों से आज हमको ये उपहार मिला है.
लकड़ियों के विशाल दरवाजों पर खूबसूरत कारीगरी, पत्थरों पर महीन नक्काशी और शाम होते ही रंग-बिरंगी लाइट्स से जगमगाते लगभग 54 हजार वर्गमीटर में फैला है काशी विश्वनाथ कॉरिडोर. जब से पीएम मोदी ने मार्च 2019 में कॉरिडोर की नींव रखी, तब से इस परियोजना के लिए जगह बनाने के लिए 300 से अधिक इमारतों को खरीदा और ध्वस्त किया गया है.
काशी विश्वनाथ कॉरिडोर में 7,000 वर्ग मीटर से अधिक का मंच है जहां 10,000 लोग ध्यान कर सकते हैं, इसके सात भव्य प्रवेश द्वार, एक कैफेटेरिया, एक फूड कोर्ट, एक वैदिक और आध्यात्मिक पुस्तकालय, एक वर्चुअल गैलरी, एक पर्यटन केंद्र, एक बहुउद्देश्यीय हॉल और एक सुरक्षा हॉल है. कॉरिडोर के साथ एक विशेष स्काई बीम लाइट सिस्टम भी लगाया जा रहा था.
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