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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज नए संसद भवन की नींव रखी. इस दौरान कभी कुरान की आयत की आवाज गूंजी तो कभी गुरबानी के बोल. कभी ओम के जाप के साथ भगवत गीता का पाठ हुआ तो कभी बौद्ध धर्म की बोधक प्रार्थना. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने मंत्रोच्चारण के साथ नए संसद भवन की आधारशिला रखी. जिसके बाद सभी प्रमुख धर्मों के धर्माचार्यों ने प्रार्थना की, मतलब सर्वधर्म प्रा$l.
दरअसल इन प्रार्थना के जरिए भारत की एक खास तस्वीर दुनिया के सामने दिखाने की कोशिश की गई. इस कार्यक्रम में हिन्दू, सिख, ईसाई, मुस्लिम, बौद्ध, जैन और बाकी धर्मों के धर्मगुरु मौजूद रहे, जिन्होंने अपनी धार्मिक किताब का पाठ किया.
इस कार्यक्रम में धार्मिक गुरुओं के साथ-साथ कई हस्तियां भी मौजूद रहीं. उद्योगपति रतन टाटा, और कई देशों के राजदूत, गृह मंत्री अमित शाह, राजनाथ सिंह और कई केंद्रीय मंत्री कार्यक्रम में शामिल हुए.
संसद की इस नई इमारत के निर्माण में 971 करोड़ रुपये खर्च होने का अनुमान है और इसका निर्माण 2024 तक पूरा करने का लक्ष्य है. हालांकि अभी नए संसद भवन प्रोजेक्ट पर दायर याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने कहा था कि सेंट्रल विस्टा प्रोजेक्ट के तहत कोई कंस्ट्रक्शन, तोड़फोड़ या पेड़ काटने का काम तब तक नहीं होना चाहिए, जब तक कि पेंडिंग अर्जियों पर आखिरी फैसला न सुना दिया जाए.
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