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सालाना भारत-रुस शिखर सम्मेलन के दौरान प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आज कहा कि रुस, भारत का एक मजबूत और भरोसेमंद मित्र है और दोनों देशों के बीच ‘सही अर्थों में सामरिक’ साझेदारी है.
इस सम्मेलन के दौरान दोनों देशों ने रक्षा, उर्जा और कुछ अन्य प्रमुख क्षेत्रों में महत्वपूर्ण समझौतों पर भी वार्ता की.
रुस की दो दिवसीय यात्रा पर यहां आए मोदी ने शिखर बैठक के दौरान पुतिन को बताया कि उनके बीच शिखर स्तरीय वार्ता से द्विपक्षीय संबंधों को नई गति मिलेगी और यह संबंधों को मजबूत बनाने के लिए और नई उर्जा प्रदान करेगा.
रुस की सरकारी समाचार एजेंसी तास ने पुतिन के हवाले से कहा कि द्विपक्षीय संबंध सभी क्षेत्रों में बढ़ रहे हैं जिसमें अंतरराष्ट्रीय राजनीति, आर्थिक और मानवीय क्षेत्र शामिल हैं. बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को आगे बढाने के रास्तों पर भी विचार किया गया.
इस दौरान रूसी राष्ट्रपति व्लादीमीर पुतिन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व की भी सराहना की. पुतिन ने अपनी ओर से दोनों देशों के खास सामरिक संबंधों के सतत और विश्वासपूर्वक आगे बढने पर खुशी जाहिर की.
दोनों देशों में अभी 10 अरब डालर का द्विपक्षीय कारोबार है और दोनों देश अगले 10 सालों में इसे 30 अरब डालर से अधिक ले जाना चाहते हैं.
पुतिन ने कहा कि ये ऐसे विषय हैं जिन पर विशेष रुप से ध्यान देने की जरुरत है. विशेष तौर पर वर्तमान जटिल आर्थिक स्थिति पर. बैठक के दौरान दोनों देशों के बीच आर्थिक सहयोग को आगे बढ़ाने के रास्तों पर भी विचार किया गया.
दोनों देश कई रक्षा समझौतों पर काम कर रहे हैं और बैठक के दौरान इन पर चर्चा हुई. ऐसे संकेत मिले हैं कि रुस रक्षा क्षेत्र में कुछ संयुक्त उद्यमों के बारे में प्रौद्योगिकी हस्तांतरण सुनिश्चित करने को तैयार है. इस दौरान जिन समझौतों के बारे में चर्चा हुुई उनमें कामोप 226टी हेलीकाप्टर के संयुक्त उत्पादन का विषय शामिल है.
शहीद स्मारक पर भी गए पीएम मोदी
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने द्वितीय विश्व युद्ध में शहीद हुए सोवियत सैनिकों की याद में बनाए गए स्मारक पर जाकर श्रद्धांजलि अर्पित की. साल 1941 में मास्को की लड़ाई में शहीद हुए रुसी सैनिकों को जेलेनोग्राद शहर में लेनिनग्राद से 40 किलोमीटर दूर शित्यकी स्मारक में सामूहिक कब्र में दफनाया गया था.
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