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पीएम मोदी (PM Modi) ने भारत में होने जा रहे जी20 सम्मेलन से लेकर अरुणाचल और जम्मू-कश्मीर के मुद्दे पर अपनी बात रखी. पीएम मोदी ने साफ शब्दों में श्रीनगर और अरुणाचल में जी 20 बैठक पर चीन और पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए कहा कि देश के हर हिस्से में बैठक कर सकते हैं.
न्यूज एजेंसी पीटीआई से बातचीत में उन्होंने कहा कि G20 उन संस्थानों में से एक है, जिसे कई देश "आशा" से देख रहे हैं. भारत दुनिया भर में शांति के प्रयासों को मजबूती देने के लिए प्रयास करता रहेगा.
उन्होंने आगे कहा कि "भारत की जी20 प्रेसीडेंसी की थीम 'वसुधैव कुटुंबकम' सिर्फ नारा नहीं बल्कि हमारे सांस्कृतिक लोकाचार से प्राप्त व्यापक दर्शन है. निकट भविष्य में भारत विश्व की शीर्ष 3 अर्थव्यवस्थाओं में शामिल होगा. उन्होंने कहा कि एक दशक से भी कम समय में भारत ने रिकॉर्ड छलांग लगाते हुए पांचवा स्थान हासिल किया था."
समाचार एजेंसी PTI को दिए इंटरव्यू में प्रधानमंत्री ने कहा कि भारत की जी-20 की अध्यक्षता करने के कई सकारात्मक लाभ रहे हैं. इनमें से कई मेरे दिल के काफी करीब हैं. उन्होंने कहा कि...
उन्होंने आगे कहा कि भारत अपनी आजादी के 100 साल पूरा होने यानी 2047 तक एक विकसित देश बन जाएगा, तब तक हमारे जीवन में भ्रष्टाचार, जातिवाद और सांप्रदायिकता की कोई जगह नहीं होगी. उन्होंने कहा कि...
पीएम मोदी ने कहा कि "आज की दुनिया एक बहुध्रुवीय दुनिया है, जहां नियम-आधारित व्यवस्था के लिए संस्थाएं बेहद महत्वपूर्ण हैं, जो निष्पक्ष और सभी मुद्दों के प्रति संवेदनशील हो. हालांकि, संस्थाएं तभी प्रासंगिक रह सकती हैं, जब वे समय के साथ बदलें."
वहीं, श्रीनगर और अरुणाचल में जी 20 बैठक पर चीन और पाकिस्तान की आपत्ति को खारिज करते हुए पीएम मोदी ने कहा कि देश के हर हिस्से में बैठक कर सकते हैं. प्रधानमंत्री ने कहा कि "गैर-जिम्मेदार वित्तीय नीतियों और लोक लुभावने वादों से तुरंत राजनीतिक फायदे मिल सकते हैं, लेकिन भविष्य में इसकी आर्थिक और सामाजिक कीमत चुकानी पड़ती हैं. इसमें नुकसान गरीबों का ही होता है."
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