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पंजाब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक (PM Modi Security Breach) का मुद्दा सुप्रीम कोर्ट पहुंच चुका है, लेकिन इसके बावजूद इसपर राजनीति जारी है. बीजेपी शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों ने कांग्रेस और पंजाब में उसकी सरकार पर पहले से साजिश का आरोप लगाया है.
असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा ने पंजाब के मुख्यमंत्री चरणजीत सिंह चन्नी की गिरफ्तारी की मांग करते हुए आरोप लगाया कि पंजाब सीआईडी डीएसपी सुखदेव सिंह 5 जनवरी के 'सुरक्षा उल्लंघन' में शामिल थे, जब प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का काफिला विरोध करने के बाद पंजाब के फिरोजपुर के रास्ते में एक फ्लाईओवर पर फंस गया था.
सरमा ने दावा किया कि पीएम के रास्ते पर प्रदर्शन करने वाले किसान नहीं, बल्कि खालिस्तान के समर्थक थे. उन्होंने कहा कि पंजाब में एक टेलीविजन चैनल द्वारा सभी सबूतों और कथित स्टिंग ऑपरेशन से ये स्पष्ट हो गया है कि कांग्रेस आलाकमान और पंजाब के मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री की हत्या की साजिश रची थी.
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने भी सुरक्षा में चूक को खूनी साजिश बताते हुए कहा कि साजिश के तार सीधे कांग्रेस के आलाकमान से जुड़ते दिख रहे हैं.
CM चौहान ने आगे कहा, "मैं सोनिया गांधी से पूछना चाहता हूं कि पीएम के साथ सीएम, डीजीपी और सीएस क्यों नहीं थे? इससे साजिश के तार सीधे कांग्रेस आलाकमान से जुड़ते दिख रहे हैं."
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पंजाब दौरे के दौरान प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सुरक्षा में हुई चूक को एक खूनी साजिश बताते हुए कहा कि वहां ड्रोन या किसी भी तरह का हमला हो सकता था, लेकिन पंजाब सरकार ने इस सबको नजरअंदाज कर दिया. एक निजी न्यूज चैनल द्वारा किए गए स्टिंग का हवाला देते हुए CM योगी ने आरोप लगाया कि अब ये साबित हो गया है कि ये शरारतपूर्ण की गई साजिश थी.
जहां बीजेपी इस पूरी घटना के लिए कांग्रेस को जिम्मेदार ठहरा रही है, वहीं कांग्रेस ने पलटवार करते हुए कहा है कि रैली रद्द होने से बीजेपी निराश है.
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