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राज्यसभा में पीएम मोदी (PM Narendra Modi) कांग्रेस पर जमकर बरसे उन्होंने कहा कि कुछ दल के बड़े नेताओं ने पिछले दो साल में जो अपरिपक्वता दिखाई है उससे देश को बहुत निराशा हुई है. हमने देखा कि कैसे राजनीतिक स्वार्थ में खेल खेले गए, भारतीय वैक्सीन के खिलाफ मुहिम चलाई गई.
पीएम ने आगे कहा कि अगर कांग्रेस न होती तो जातिवाद और क्षेत्रवाद की खाई इतनी गहरी न होती, अगर कांग्रेस न होती तो सिखों का नरसंहार न होता, सालों साल पंजाब आतंकी आग में न जलता, अगर कांग्रेस न होती तो कश्मीर के पंडितों को कश्मीर छोड़ने की नौबत न आती.
पीएम ने आगे कहा- कांग्रेस के सोचने के तरीकों पर अर्बन नक्सलों ने कब्जा कर लिया है और इसलिए उनकी सोच और गतिविधि विनाशकारी बन गई है. अर्बन नक्सल ने बहुत चालाकीपूर्वक कांग्रेस की दुर्दशा का फायदा उठाकर उसके विचार प्रवाह पर कब्जा कर लिया है और इसलिए ये बार-बार बोल रहे हैं कि इतिहास बदल रहा है.
मोदी ने पिछली सरकारों की गोवा से जुड़ी नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जैसी सूजबूझ सरदार पटेल ने बाकी रियासतों का विलय करने में दिखाई. वैसी ही सूझ उस वक्त की सरकार ने गोवा के संबंध में दिखाई होती तो बेहतर होता.
पीएम मोदी ने कांग्रेस पर निशाना साधते हुए कहा कि ''कांग्रेस की परेशानी ये है कि उन्होंने डायनेस्टी के आगे कुछ सोचा ही नहीं. भारत को सबसे बड़ा खतरा परिवारवादी पार्टियों का है. मैं चाहता हूं कि सभी राजनीतिक दल लोकतांत्रिक मूल्यों और आदर्शों को अपने दलों में भी विकसित करें.
मोदी ने पिछली सरकारों की गोवा से जुड़ी नीतियों पर भी सवाल उठाते हुए कहा कि जैसी सूजबूझ सरदार पटेल ने बाकी रियासतों का विलय करने में दिखाई. वैसी ही सूझ उस वक्त की सरकार ने गोवा के संबंध में दिखाई होती तो बेहतर होता.
पीएम के बयान के बाद राज्यसभा में विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा-
प्रधानमंत्री ने अपने भाषण में कुछ आंकड़े पेश करते हुए बताया कि कोरोना के बाद नियुक्तियां लगभग दोगुनी हो गई हैं. मोदी ने कहा ''साल 2021 में एक करोड़ 20 लाख नए लोग ईपीएफओ के पेरोल पर जुड़े. इनमें से 60-65 लाख 18 से 25 वर्ष की आयु के हैं. रिपोर्ट बताती है कि कोरोना के पहले की तुलना में कोविड प्रतिबंध खुलने के बाद नियुक्तियां दोगुनी बढ़ गई हैं.''
नियुक्तियां बढ़ने के साथ पीएम ने कोरोना काल में सरकार द्वारा बांटे गए राशन का भी जिक्र किया. पीएम मोदी ने कहा कि कोरोना काल में 80 करोड़ से ज्यादा देशवासियों के लिए लंबे समय के लिए मुफ्त राशन की व्यवस्था की गई, ताकि ऐसी स्थिति कभी पैदा न हो कि उनके घर का चूल्हा न जले. भारत ने ये काम करके दुनिया के सामने एक उदाहरण प्रस्तुत किया है.
मोदी ने कहा है कि हम चाहते हैं कि हमारे राज्यों के बीच प्रतिस्पर्धा हो हम आगे बढ़ने की बात करें. GST काउंसिल की रचना अपने आप में भारत के सशक्त फेडरलिज्म के लिए उत्तम स्ट्रक्चर का नमूना है. रेवेन्यू के अहम निर्णय इसी काउंसिल में होते हैं.
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