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महाराष्ट्र में एनसीपी-कांग्रेस-शिवसेना के बीच सरकार बनाने की कवायद चल रही है. इस बीच सोमवार को दो अलग-अलग बयान आए, जिसके बाद से समीकरणों के फिर से बदलने के संकेत हैं. पहला बयान है पीएम मोदी का, जिन्होंने सोमवार को राज्यसभा के 250वें सत्र में अपने संबोधन के दौरान एनसीपी की तारीफ की, जिससे राजनीतिक गलियारों में कयासों का दौर शुरू हो गया. दूसरा बयान एनसीपी चीफ शरद पवार का है.
कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से मुलाकात से पहले एनसीपी के अध्यक्ष शरद पवार ने सोमवार को कहा कि बीजेपी और शिवसेना ने साथ मिलकर चुनाव लड़ा था और 'उन्हें अपना रास्ता चुनना है'. संसद में मीडिया से बातचीत में पवार ने कहा,
“महाराष्ट्र में कांग्रेस और एनसीपी ने शिवसेना को समर्थन देने पर अभी कोई फैसला नहीं लिया है.” ये बात एनसीपी चीफ शरद पवार ने सोनिया गांधी के साथ मुलाकात के बाद मीडिया से कही.
शरद पवार ने कहा, “शिवसेना को समर्थन देने का अभी कोई फैसला नहीं लिया है. पहले कांग्रेस और NCP के नेता आपस में बातचीत करेंगे उसके बाद आगे की रणनीति तय होगी.”
महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव में बीजेपी ने सबसे ज्यादा 105 सीटों पर जीत दर्ज की थी, जबकि शिवसेना 56, एनसीपी 54 और कांग्रेस ने 44 सीटों पर अपना कब्जा किया था. शिवसेना और बीजेपी ने एक साथ मिलकर चुनाव लड़ा था, लेकिन सरकार बनाने को लेकर दोनों के बीच सहमति नहीं बन सकी. शिवसेना ने सीएम पद को लेकर 50:50 का मुद्दा उठाया था, जिसे बीजेपी मानने को तैयार नहीं हुई, जिसके बाद दोनों पार्टियों का गठबंधन टूट गया. इन सबके बीच राज्यपाल ने बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी को सरकार बनाने का न्योता दिया, लेकिन कोई भी पार्टी बहुमत नहीं जुटा सकी.
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Published: 18 Nov 2019,04:39 PM IST