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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चार जुलाई को इजराइल की तीन दिवसीय यात्रा पर रवाना होंगे. यह किसी भारतीय प्रधानमंत्री की पहली इजराइल यात्रा होगी. ''अभूतपूर्व महत्व '' की इस यात्रा के दौरान दोनों देश अपने संबंधों को सामरिक साझेदारी के स्तर तक ले जाएंगे.
मोदी की यात्रा की घोषणा करते हुए विदेश मंत्रालय ने कहा कि इससे आपसी हित के क्षेत्रों में द्विपक्षीय संपर्क मजबूत बनाने में मदद मिलेगी. पत्रकारों से बातचीत में इजराइल के राजदूत डेनियल कार्मन ने इजराइल और अरब देशों के साथ भारत के रिश्तों के बारे में कहा कि जब द्विपक्षीय संबंध बड़े बदलाव से गुजर रहे हैं, ऐसे में मोदी की यात्रा ''अभूतपूर्व महत्व'' की है.
कार्मन ने बताया कि एक ''शीर्ष प्रोटोकॉल टीम'' के साथ इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू एयरपोर्ट पर पीएम मोदी का स्वागत करेंगे. उन्होंने बताया कि यह विशेष सम्मान सिर्फ पोप या अमेरिकी राष्ट्रपति को ही दिया जाता है. उन्होंने कहा कि इजराइली प्रधानमंत्री चार जुलाई को मोदी के लिए डिनर का भी आयोजन करेंगे.
इजराइली पीएम अपने भारतीय समकक्ष मोदी के साथ ज्यादातर कार्यक्रमों में मौजूद रहेंगे. दोनों नेता अहम सामरिक क्षेत्रों में सहयोग बढ़ाने के तौर-तरीकों पर चर्चा कर सकते हैं. दोनों पक्ष इनोवेशन, डेवलेपमेंट, साइंस एंड टेक्नोलॉजी और अंतरिक्ष जैसे क्षेत्रों में भी कई समझौतों पर हस्ताक्षर कर सकते हैं.
जल और कृषि क्षेत्रों में सहयोग को बढ़ाने के अलावा दोनों पक्ष लोगों के बीच संपर्क बढ़ाने, वायु संपर्क और निवेश बढ़ाने के तौर-तरीकों पर भी चर्चा करेंगे. गंगा नदी के एक हिस्से की सफाई के लिए उत्तर प्रदेश सरकार के साथ भी एक समझौता होने की उम्मीद है. भारत और इजराइल के राजनयिक संबंधों के 25 साल पूरे होने के अवसर पर मोदी की यह यात्रा होने वाली है.
पीएम मोदी अपनी इजराइल की यात्रा के दौरान साल 2008 में हुए 26/11 के नाम से चर्चित मुंबई आतंकी हमले में सुरक्षित बचे इजराइली बच्चे मोशे से भी मुलाकात करेंगे. मोशे उस वक्त महज दो साल का था, जब मुंबई आतंकी हमले में उसकी मां रिवका और पिता गवरूल होल्त्जबर्ग समेत छह अन्य इजराइली नागरिकों की मौत हो गई थी. मुंबई के नरीमन हाउस समेत पांच अलग-अलग जगहों पर हुए इन आतंकी हमलों की जिम्मेदारी पाकिस्तानी आतंकी संगठन लश्कर ए तैयबा ने ली थी.
मोशे अब दस साल का हो चुका है. 26/11 के हमले के दौरान मोशे को उसकी भारतीय आया शारदा ने घटनास्थल से बचाकर ले गई थी. बाद में दोनों को इजराइल लाया गया. फिलहाल मोशे अपने नाना-नानी के साथ ही रहता है.
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