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प्रधानमंत्री नरेंद्र की पिछले साढ़े चार साल की विदेश यात्रा पर 2000 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च हुए हैं. विदेश मंत्रालय के मुताबिक इन सालों में पीएम की विदेश यात्राओं पर 28 करोड़ डॉलर खर्च हुए हैं, जो 2000 करोड़ रुपये के बराबर है.
विदेश मंत्रालय के मुताबिक, इन सालों के दौरान उन्होंने 84 विदेश यात्राएं की हैं. संसद में प्रधानमंत्री की यात्राओं पर पूछे गए सवाल पर विदेश राज्य मंत्री वी के सिंह ने यात्रा पर हुए खर्च की जानकारी दी है.
प्रधानमंत्री बनने के बाद नरेंद्र मोदी ने दुनिया के लगभग सभी बड़े नेताओं से विदेश में मुलाकात की है. इनमें अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप, रूसी राष्ट्रपति व्लादीमिर पुतिन, चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग और जापानी प्रधानमंत्री शी जिनपिंग से कई मुलाकातें शामिल हैं. 2016 में उन्होंने नोटबंदी के तुरंत बाद जापान की यात्रा की थी. उस दौरान बैंकों में लंबी कतारों के बाद लोग यह कहने लगे थे कि प्रधानमंत्री खुद तो विदेश दौरा कर हे हैं और आम लोग नोटों के लिए बैंकों और एटीएम की लाइन में लगे हैं.
प्रधानमंत्री के कुछ विदेश दौरों में विवाद भी हुए हैं. रवांडा की यात्रा के दौरान प्रधानमंत्री का वहां के गांवों में 200 गायों को दान देने पर खासा विवाद हुआ. प्रधानमंत्री शाकाहारी और गो भक्त हैं. उन्होंने गांव वालों को जो गायें दी थीं उन्हें शायद बूचड़खानों में भेजा जाना था. इस पर लोगों ने कहा कि प्रधानमंत्री गो भक्त होने का ढकोसला करते हैं.
हालांकि कुछ विश्लेषकों का मानना है कि प्रधानमंत्री ने भारत की विदेश नीति को एक नई दिशा दी है. साढ़े चार साल के दौरान भारत को दुनिया में एक मजबूत पहचान मिली है और यह सब प्रधानमंत्री मोदी की नई विदेश नीति का असर है. इन विश्लेषकों का मानना है कि पीएम मोदी की कोशिश से भारत का असर दुनिया में बढ़ा है.
इनपुट : ब्लूमबर्गक्विंट
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