advertisement
चुनाव आयुक्त ने मौजूदा समय के जोड़-तोड़ वाली राजनीति पर तंज कसा है. ओ पी रावत ने कहा है कि एक नई कहानी लिखी जा रही है, जिसमें नैतिकताओं को पूरी तरह ताक पर रख दिया गया है.अब किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने पर सबसे ज्यादा बल दिया जाता है. उन्होंने 'राजनीतिक नैतिकता के नये मापदंड के उभरने ' की आलोचना की.
उन्होंने कहा, ' 'इस कहानी में विधायकों के शिकार को चतुर राजनीतिक प्रबंधन बताकर इसकी प्रशंसा की जाती है. प्रलोभन के लिए धन का रणनीतिक इस्तेमाल किया जाता है, डराने -धमकाने के लिए राज्य मशीनरी का बड़ा दिमाग लगाकर इस्तेमाल किया जाता है. और इन सभी की साधन संपन्नता के रूप में सराहना की जाती है. ' '
नई दिल्ली में एक कार्यक्रम में उन्होंने कहा कि यह राजनीतिक नैतिकता के उभरते नये मापदंड हैं जिन पर सभी राजनीतिक दलों, नेताओं, मीडिया, सभ्य समाज संगठनों, संवैधनिक अधिकारियों और लोकतांत्रिक राजसत्ता में यकीन रखने वालों को 'बेहतर चुनाव, बेहतर कल' के लिए कठोर कार्रवाई का लक्ष्य बनाना चाहिए.
उन्होंने इस बात पर बल दिया कि 'लोकतंत्र तभी फूलता-फलता है जब चुनाव स्वतंत्र, निष्पक्ष और पारदर्शी हों. लेकिन बस आम आदमी को ऐसा जान पड़ता है कि हम एक ऐसी कहानी लिख रहे हैं जो नैतिकताओं को पूरी तरह ताक पर रखकर किसी भी कीमत पर चुनाव जीतने पर बल देती है. '
उनकी ये टिप्पणी राज्यसभा चुनाव में गुजरात में हुई राजनीतिक नौटंकी के मद्देनजर मानी जा रही है.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)