advertisement
सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस एनवी रमना (NV Ramana) की अध्यक्षता वाली एक बेंच ने एक मामले की सुनवाई के दौरान कहा कि, सत्ता परिवर्तन के साथ राजद्रोह के मामले दर्ज करना एक "परेशान करने वाला ट्रेंड" है.
सुप्रीम कोर्ट की ये बेंच छत्तीसगढ़ पुलिस अकादमी के सस्पेंड डायरेक्टर, गुरजिंदर पाल सिंह के खिलाफ दर्ज राजद्रोह के एक मामले की सुनवाई कर रही थी. ,गुरजिंदर पाल सिंह को गिरफ्तारी से सुरक्षा प्रदान करते हुए बेंच ने माना कि “देश में स्थिति दुखद है".
बेंच ने राजद्रोह के मामले दर्ज करने के ट्रेंड पर नाराजगी व्यक्त करते हुए कहा कि “ये अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (एडीजीपी) के रूप में काम कर चुके हैं और पुलिस अकादमी निदेशक के रूप में कार्य कर रहे थे. अब उनके खिलाफ आईपीसी की धारा 124ए (राजद्रोह) के तहत कार्रवाई शुरू कर दी गई है.
लेकिन बाद में बाद में उनके खिलाफ दुश्मनी को बढ़ावा देने और सरकार के खिलाफ साजिश रचने में उनकी कथित भूमिका के आधार पर राजद्रोह का एक और मामला दर्ज किया गया था.
(क्विंट हिन्दी, हर मुद्दे पर बनता आपकी आवाज, करता है सवाल. आज ही मेंबर बनें और हमारी पत्रकारिता को आकार देने में सक्रिय भूमिका निभाएं.)