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भारतीय राजनीति में जिन राहुल गांधी को अब तक हल्के में लिया जाता था, वही राहुल अपने 84.1 लाख फॉलोअरों के लिए व्यंग्य भरे ट्वीट्स के जरिए एक हाजिरजवाब नेता के रूप में उभरे हैं. माना जा रहा है कि राहुल आगामी चुनावों में सोशल मीडिया के जरिए भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) को नुकसान पहुंचा सकते हैं.
ऐसा इसलिए माना जा रहा है क्योंकि सोशल मीडिया पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तुलना में कम फॉलोअर होने के बावजूद अंतरिम बजट के दौरान राहुल गांधी के ट्वीट्स ज्यादा रीट्विट्स किए गए.
राहुल गांधी के जिस ट्वीट को 12,000 बार से ज्यादा रीट्वीट किया गया, उसमें उन्होंने लिखा, "आपकी पांच सालों की अक्षमता और अहंकार ने हमारे किसानों के जीवन को बर्बाद कर दिया है. उन्हें प्रतिदिन 17 रुपये देना उनका और उनके काम का अपमान है."
यह ट्वीट केंद्र सरकार की उस योजना को लेकर किया गया, जिसके तहत 2 हेक्टेयर तक जमीन रखने वाले किसानों को हर साल 6000 रुपये की मदद मिलेगी.
राहुल गांधी के ट्वीट के जवाब में बीजेपी की तरफ से एक ट्वीट किया गया, "जैसा कि अपेक्षित था, आपने बजट की एक बातल तक नहीं समझी." इस ट्वीट को 9,000 बार रीट्वीट किया गया.
राहुल गांधी के ट्वीट की तुलना में, पीएम मोदी के अंतरिम बजट के दिन किए गए ट्वीट को 7,000 से ज्यादा बार रीट्विट किया गया. जबकि मोदी के माइक्रो-ब्लॉगिंग प्लेटफॉर्म पर 4.54 करोड़ फॉलोअर्स हैं.
कांग्रेस की सोशल मीडिया और डिजिटल कम्युनिकेशन्स प्रमुख दिव्या स्पंदना के मुताबिक, ''सोशल मीडिया से जुड़ाव को देखना बेहतर पैरामीटर है, बजाए फॉलोअरों की संख्या को देखने के."
हालांकि सोशल मीडिया विशेषज्ञ अनूप मिश्रा का कहना है कि रीट्वीट की ज्यादा संख्या से यह पता नहीं चल सकता है कि उसे ट्वीट करने वाला/वाली ज्यादा प्रभावशाली है. इससे संकेत मिलता है कि लोगों की रुचि उस खास विषय में है, जिसे वे रीट्वीट कर रहे हैं."
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